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सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड ने रोरी के फल से बनाया सोलर सेल

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के ऊर्जा अभियंत्रण विभाग के शोधकर्ताओं ने शोध िकया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 06:01 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 06:01 AM (IST)
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड ने रोरी के फल से बनाया सोलर सेल
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड ने रोरी के फल से बनाया सोलर सेल

जासं, रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के ऊर्जा अभियंत्रण विभाग के शोधकर्ताओं ने रोली(कमला) फल के मदद से सोलर सेल बनाया हैं। कमला, लाल कमला, कांम्पिलका , जिसे स्थानीय जनजातीय आबादी सेंदूरी, रोहिणी या रोरी और वैज्ञानिक मल्लोटस फिलिपेन्सिस के नाम से जानते है। आमतौर पर यह औषधीय पौधे के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह पेड़ एक अर्ध सदाबहार लकड़ी का पेड़ है जो झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद है। इसका उपयोग इस शोध कार्य में किया गया हैं। इस शोध कार्य में अरूप महापात्रा, प्रशांत कुमार, ज्योति भंसारे, माधवी सुपरनैनी और अनिक सेन, ने बासुदेव प्रधान के नेतृत्व में इस फल से डाई बनाया और फिर उसका प्रयोग डाई सेंसिटिजेड्स सोलर सेल बनाने में किया हैं। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनर्जी रिसर्च में प्रकाशित हुआ हैं। जो कि एक प्रतिष्ठित शोध जर्नल हैं।

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वसंत ऋतु में कमला फल के बाहरी हिस्से से प्राकृतिक रंग निकाला गया है, क्योंकि पेड़ सिर्फ इस मौसम में ही फल देता है। निकाली गई डाई का उपयोग डाई-सेंसिटाइज्ड सोलर सेल्स या ग्रेट्जेल सेल के लिए एक सस्ता, गैर-विषैले सेंसिटाइजर बनाने के लिए किया गया है। ये सीधे सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है। डाई का उपयोग मुख्य रूप से दवा उद्योगों में कैंसर, माइक्रोफिलेरिया और त्वचाविज्ञान उपचार में इसके आवेदन के लिए भी किया जाता है। इस तरह की गैर-विषाक्त और बायोडिग्रेडेबल प्राकृतिक डाई को बहुत कम लागत वाली तकनीक का उपयोग करके एक अखाद्य स्त्रोत से आसानी से निकाला जा सकता है और इसलिए यह सौर सेल्स के लिए उपयोग किए जाने वाले जहरीले और महंगे सिथेटिक डाई का सबसे अच्छा विकल्प प्रदान कर सकता है। खाद्य स्त्रोतों से प्राकृतिक रंगों के निष्कर्षण के मामले में, लंबे समय से, खाद्य सुरक्षा बनाम ईंधन उत्पादन पर बहस चल रही है। इस प्रकार, यह कम लागत वाली, आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक डाई एक अखाद्य स्त्रोत से निकाली गई है। ये भविष्य की ऊर्जा चुनौती का समाधान करने के लिए लागत प्रभावी सौर सेल उपकरणों को विकसित करने में एक वैकल्पिक उम्मीदवार प्रदान कर सकता है।


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