केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
परिसंघ के अध्यक्ष डा सहदेव राम ने पत्र में कहा है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को 04 जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ते और केन्द्र सरकार के पेंशन भोगियों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त भी 04 जनवरी 2020 से भुगतान पर रोक लगाई गई है।
रांची, जासं । केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। परिसंघ के अध्यक्ष डा सहदेव राम ने पत्र में कहा है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को 04 जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ते और केन्द्र सरकार के पेंशन भोगियों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त भी 04 जनवरी 2020 से भुगतान पर रोक लगाई गई है। जब ये फैसला लिया गया उस वक्त पूरा देश महामारी से त्रस्त था।
देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। फिर भी आपने चुनौतियों का सामना करते हुए देश के नागरिकों को हर संभव सहयोग दिया और महामारी को नियंत्रण करने में सफलता हासिल किया। देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद भी पीएम केयर फंड की स्थापना की और हम सभी केन्द्रीय कर्मचारी देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए एक-एक दिन का वेतन देश के हित में प्रदान किए और आज भी केन्द्रीय कर्मचारी कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश की सेवा में तत्पर हैं तथा आपका नारा सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास में हम सभी शामिल हैं।
पत्र में डा सहदेव राम ने कहा है कि वर्तमान में देश की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है, तथा औद्योगिक उत्पादन में भी अक्टूबर 2020 से 3.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है। अगर जीएसटी वसूली की बात करें तो मार्च 2020 में 95,597 करोड़, सितंबर 2020 में 95,480 करोड़, अक्टूबर 2020 में 4,05,455 करोड़, नवम्बर 2020 में 4,04,963 करोड़ तथा दिसम्बर 2020 में 4,45,00 करोड़ की वसूली हुई है।
जबकि सेवा शुल्क दिसम्बर 2020 में रिकॉर्ड 1.15 लाख करोड़ की वसूली हुई, जो एक उदाहरण है। जबकि केन्द्रीय कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत के भुगतान के राशि 11 प्रतिशत जो देय है, लगभग 1300 करोड़ प्रति वर्ष के हिसाब से होता है, जो वर्तमान में उसे भुगताने करने के लिए आर्थिक अवस्था स्वीकारती है, जिससे लगभग 49.93 लाख केन्द्रीय कर्मचारी एवं 65.26 लाख पेंशन भोगियों को इस बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकता है। उसमें भी 30 प्रतिशत टैक्स के रूप में रकम की वापसी हो जाएगी।