CBSE: एक्टिविटी बेस्ड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का शिक्षकों व बच्चों को क्या लाभ मिलेगा? Know Details
CBSE Activity Based Teacher Training Program राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विद्यार्थियों के कौशल एवं समग्र विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। डिपार्टमेंट आफ स्किल एजुकेशन एवं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा फैशन स्टडीज विषय पर एक्टिविटी बेस्ड टीचर ट्रेनिंग दी जाएगी।
रांची, [कुमार गौरव]। CBSE Activity Based Teacher Training Program एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग एक एक्टिव टीचिंग लर्निंग मैथेडोलाजी है। लर्निंग मैथेडोलाजी का इस्तेमाल प्राइमरी एवं सेकेंडरी वर्ग के विद्यार्थियों की समझने की शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत जिले के सीबीएसई स्कूलों में विद्यार्थियों के कौशल एवं समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। विभिन्न विषयों के टापिक के अनुसार विद्यार्थियों के लिए एक्टिविटी का आयोजन किया जाता है। ताकि वह उस विषय को अच्छे से समझ सके एवं विषय से संबंधित सभी जानकारी उन्हें याद रहे। इस पद्धति की मदद से शिक्षण को अधिक रोचक बना सकते हैं। यह गतिविधियां छात्रों में एक्टिवनेस और स्मार्टनेस लाती हैं।
एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग से विद्यार्थियों में स्किल्स डेवलप होती है जो कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग छात्र केंद्रित शिक्षण पद्धति है। यह बच्चों की इंद्रियों को उत्तेजित कर व्यवहारिक गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसमें बच्चों का काम केवल नोट्स लेकर पढ़ने और सुनने का नहीं होता, बल्कि उन्हें कई अलग-अलग एक्टिविटीज के जरिये पढ़ाया और सिखाया जाता है।
इसका मकसद छात्रों को विविध ज्ञान और अनुभव प्रदान कराना है। जिससे उनके ज्ञान, कौशल और मूल्यों का निर्माण होता है। इसके अलावा प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस लर्निंग के मदद से विद्यार्थियों को किताबों के ज्ञान के अलावा अन्य कौशल जैसे संसाधनों का उपयोग करना, स्थितियों को हैंडल करना, बोलने व बातचीत करने का कौशल, रचनात्मकता का विकास भी होता है। इससे छात्रों के आत्मविश्वास का निर्माण होता है और वे कहीं पर भी खुद को साबित कर सकते हैं कि वे कितने काबिल हैं।
ये हैं एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के फायदे
- एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- इस प्रक्रिया में खुद को शामिल करके छात्र कई चीजों को लंबे समय तक याद रख सकते हैं।
- यह शिक्षण पद्धति बच्चों को नए अनुभवों की तलाश करने, सीखने में रूचि पैदा करने, उनकी शब्दावली को मजबूत करने और नई किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- इससे कामों से छात्रों में जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच बढ़ती है।
- एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग बच्चों को यथार्थवादी समस्याओं और परिदृश्यों का पता लगाने और उन्हें हल करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- यह लर्निंग बच्चों को अपनी नालेज को रचनात्मक तरीके से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
शिक्षकों व बच्चों का होगा शैक्षणिक विकास
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के को-आर्डिनेटर सह डीपीएस रांची के सह प्राचार्य डा राम सिंह का कहना है कि डिपार्टमेंट आफ स्किल एजुकेशन एवं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा एक्टिविटी बेस्ड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन 16 एवं 17 दिसंबर को चिराक इंटरनेशनल स्कूल हैदराबाद में किया जाएगा। प्रोग्राम में ओवरव्यू आफ फैशन, इंट्रोडक्शन टू फैब्रिक्स, डाइंग एंड प्रिंटिंग, डिजाइन फंडामेंटल्स, मैटेरियल्स टूल्स एंड प्रोसेस आफ प्रोडक्ट मेकिंग, हिस्ट्री आफ फैशन, बेसिक पैटर्न डेवलपमेंट, एलिमेंट्स आफ फैशन एवं बेसिक आफ गारमेंट मेकिंग संबंधित विषय शामिल हैं। इससे शिक्षकों व बच्चों का शैक्षणिक विकास होगा।