ग्रामीणों का करोड़ों रुपये लेकर भागने वाली प्रवींस जेनिथ पर सीबीआइ में केस दर्ज Ranchi News
CBI. चिटफंड घोटाला में रांची के डोरंडा थाने में 20 जून 2012 को जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये लेकर फरार होने वाली चिटफंड कंपनी प्रवींस जेनिथ मार्केटिंग एंड कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज केस को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। रांची के डोरंडा थाने में 20 जून 2012 को दर्ज उक्त प्राथमिकी को सीबीआइ की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा ने टेकओवर करते हुए मंगलवार को नई प्राथमिकी दर्ज की। जालसाजी का आरोपी प्रवीण कुमार सिंह है, जो रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र के शुक्ला कॉलोनी हिनू स्थित कौशल्या कांप्लेक्स के तीसरे तल्ले पर रहता था।
वर्तमान में वह जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के शिवनगा लटमा रोड में रहता है और आरोपित चिटफंड कंपनी प्रवींस जेनिथ मार्केटिंग एंड कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का प्रबंध निदेशक है। यह प्राथमिकी हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने दर्ज की है, जिसके अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के एसीबी रांची के इंस्पेक्टर मुरारी चौधरी बनाए गए हैं। मामला जालसाजी कर पैसे लेकर फरार होने से संबंधित है।
500 रुपये जमा करवाकर 40 हजार रुपये देने का वादा कर की थी ठगी
रांची डोरंडा थाने में 20 जून 2012 को डोरंडा की प्रतिमा कच्छप ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि उसने वर्ष 2009 में एक महिला मंजू कच्छप के माध्यम से ग्राहक सह एजेंट के रूप में उक्त कंपनी में काम शुरू किया था। उस वक्त कंपनी का ऑफिस हिनू स्थित कौशल्या कांप्लेक्स के तीसरे मंजिल पर था। कंपनी ने आम लोगों से 500 रुपये जमा करने पर एक साल में 40 हजार रुपये देने का वादा किया था। उसी प्रकार हजार-दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक का 12 महीने में ग्रोथ इनकम स्कीम खोल रखा था।
इस प्रकार प्रतिमा ने विभिन्न लोगों से लगभग 20 लाख रुपये लेकर कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार सिंह को दिया। कुछ दिन तक कंपनी का कार्य ठीक-ठाक चला। एक वर्ष बाद यानी 2010 से कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार सिंह ग्राहकों को पैसे देने में टालमटोल करने लगे और अंतत: पैसा देना बंद कर दिया। पता चला कि उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में अपनी कंपनी की शाखा खोलकर इस तरह का खेल शुरू कर दिया है। इसके बाद प्रवीण ने हटिया के गुरुद्वारा रोड में भी जेनिथ कृषि उद्योग नाम से नया कार्यालय खोल कर ठगी शुरू कर दी थी और पुरानी कंपनी में ठगी करने के बाद उसे बंद कर दिया था।
किससे कितने की हुई थी ठगी
- प्रतिमा कच्छप : पति बुधुवा कच्छप, हुंडरू बस्ती, डोरंडा। 20 लाख रुपये।
- ऋषि राज : बोस्को नगर, हटिया। पांच लाख रुपये।
- निकहत परवीन : पति अख्तर हुसैन, डोरंडा, परसटोली। सात लाख रुपये।
- मोहम्मद सेराज : कचनार टोली, हटिया, जगन्नाथपुर, रांची। तीन लाख रुपये।
- जोसेफ किंडो : पटेल नगर, हटिया, रांची। 35 लाख रुपये।
- आशुतोष कुमार : चुटिया, रांची। 20 लाख रुपये।
- कांता तिर्की : पति मनी तिर्की, बड़ा घाघरा, डोरंडा, रांची। 11 लाख रुपये।
- आश्रिता कच्छप : पति अरविंद कच्छप, बड़ा घाघरा, डोरंडा, रांची। 30 हजार रुपये।
- रोमन हांसदा : पति नंदो हांसदा, खाखसा, पकुडिय़ा, पाकुड़। 40 लाख रुपये।
- राधा देवी : पति करमा गोप, हुंडरू, मनी टोला, बेलदार मोहल्ला। डेढ़ लाख रुपये।
- सैफ अली खां : जामिया नगर, कडरू। पांच हजार रुपये।
- रेशमा परवीन : माता हसीबा खातुन, हरमू कॉलोनी, कडरू चौक। दो लाख रुपये।
- रेशमा परवीन : पति बबलू, कर्बला चौक, एक लाख रुपये।
- अनूप कुमार : कडरू, रांची। डेढ़ लाख रुपये।
- नुजहत आरा : पति नसीम अहमद, हिनू, डोरंडा, रांची। 40 हजार रुपये।