कार्डियक एंबुलेंस बचाएगी घायलों की जान
ट्रॉमा सेंटर की मदद के लिए और सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रिम्स की ओर से बेहतर प्रयास हो रहा है।
शक्ति सिंह, रांची। ट्रॉमा सेंटर की मदद के लिए और सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रिम्स की ओर से बेहतर प्रयास हो रहा है। जहां पूरा प्रदेश सरकारी एंबुलेंस की समस्या से जूझ रहा है, वहीं रिम्स ने आठ और कार्डियक एंबुलेंस की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है। इन एंबुलेंस को किसी एक जगह नहीं रखा जाएगा। उन महत्वपूर्ण एक्सीडेंटल जोन में रखा जाएगा, जहां सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, ताकि दुर्घटना में घायल का प्राथमिक उपचार मौके पर शुरू कर उनकी जान बचाने की पहल हो।
चिकित्सक, नर्स और पारा मेडिकल की टीम
लाइफ सेविंग से जुड़े हर अत्याधुनिक उपकरण की सुविधा एंबुलेंस में होगी। संचालन के लिए चिकित्सक, नर्स और पारा मेडिकल की टीम होगी, ताकि दुर्घटना के दौरान गोल्डेन आवर में मरीज की जिंदगी बचाई जा सके। अल्ट्रासाउंड की सुविधा कार्डियक एंबुलेंस में दी जाएगी। यहां तक कि ड्राइवर को भी पारा मेडिकल का विशेष प्रशिक्षण मिला रहेगा, ताकि आपात हालात में वह भी सहयोग कर सकें।
हॉटलाइन से एंबुलेंस का जुड़ाव
सभी आठ एंबुलेंस को हॉटलाइन से जोड़ा जाएगा, ताकि जरूरत पडऩे पर चिकित्सक अस्पताल से ही एंबुलेंस में घायल मरीज का प्राथमिक उपचार और अपने सहयोगी टीम को सलाह दे सकेंगे। इससे मरीज को अस्पताल लाने तक उसका प्राथमिक उपचार शुरू हो जाएगा। इसके लिए अस्पताल आने तक का इंतजार करने की जरूरत न पड़े।
बैठक में एजेंडे को किया जाएगा शामिल :
कार्डियक एंबुलेंस के प्रस्ताव के प्रारूप को तैयार कर लिया गया है, जिसे रिम्स शासी परिषद की बैठक में शामिल किया जाएगा। इसकी सहमति मिलते ही इसकी सेवा अगले वर्ष मार्च तक शुरू कर दी जाएगी।
कौन-कौन है एक्सीडेंटल जोन
कांटाटोली चौक, बूटीमोड़ चौक, कटहल मोड़, रातू रोड़ चौक, तुपुदाना चौक, ङ्क्षरगरोड, नामकुम रोड, मुंडा चौक, शालीमार मार्केट शहर का एक्सीडेंटल जोन हैं। संभावना जताई जा रही है कि इन्ही स्थलों पर कार्डियक एंबुलेंस को लगाया जाएगा।
रिम्स में होगा कॉल सेंटर
एंबुलेंस की सेवा लेने के लिए एक कॉल सेंटर बनाया जाएगा, जो सड़क दुर्घटना के दौरान नजदीकी एंबुलेंस को सूचित कर भेजेगा।
'सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रिम्स प्रबंधन ने खुद आठ कार्डियक एंबुलेंस चलाने का निर्णय लिया है, जो मरीज को अस्पताल में लाने के दौरान उसका प्राथमिक उपचार एंबुलेंस में ही शुरू करेगा। इसके लिए एंबुलेंस में पूरी टीम होगी - डॉ.बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स।'