रांची में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले, इलाज के लिए इस सुविधा का ले सकते हैं लाभ
झारखंड की राजधानी रांची में कैंसर की बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। बीमार लोगों की ओर से आर्थिक मदद के लिए भेजे जा रहे आवेदन को देखकर इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना में अधिकतर आवेदन इसी बीमारी के मरीजों के हैं।
रांची,अनुज तिवारी। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में अधिकतर मामले कैंसर के आ रहे हैं। राजधानी रांची में पिछले पांच माह में कैंसर के इलाज के लिए करीब 80 लाख रुपये पीड़ितों को दिए गए हैं। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक आए सभी 26 आवेदन कैंसर की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के हैं। इनका इलाज 45 अस्पतालों में चल रहा है। बीमारी की गंभीरता के अनुसार मरीजों को योजना के अधिकतम लाभ के रूप में पांच लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। राज्य सरकार की ओर से राशि और बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसकी अधिसूचना प्राप्त नहीं होने के कारण वर्तमान में पुरानी दर पर ही सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है।सिविल सर्जन डा विनोद कुमार ने बताया कि पिछले कई वर्षों से सबसे अधिक कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं।
इस योजना में सिर्फ चार बीमारियां शामिल, बाकी आयुष्मान योजना में : इस योजना में सिर्फ चार बीमारियों को शामिल किया गया है। इसमें कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, लीवर रोग और एसिड अटैक के मामले हैं। बाकी सभी तरह की बीमारियों के मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सहायता की जाती है। आयुष्मान योजना के 2019 में आने के बाद मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना अक्तूबर 2019 को बंद हो गई थी। सभी बीमारियों का इलाज आयुष्मान भारत के अंतर्गत हो रहा था, लेकिन इसमें गंभीर बीमारियों को लेकर आयुष्मान भारत में लाभ नहीं मिल पा रहा था। जिसके बाद फरवरी 2020 में इस योजना को दोबारा प्रारंभ किया गया। दोबारा योजना शुरू होने पर काफी संख्या में कैंसर बीमारी के मरीजों के ही आवेदन आए। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कैंसर तेजी से अपने पांच पसार रहा है।
आठ लाख तक के वार्षिक आय वालों को मिलता है लाभ : इस योजना का लाभ उन मरीजों को मिलता है जिनके परिवार की आय अधिकतम आठ लाख रुपये सालाना है। पहले यह राशि काफी कम रखी गई थी, जिसमें वार्षिक आय 70 हजार रुपये रखा गया था। लेकिन इसे संशोधित करते हुए आठ लाख रुपए तक किया गया है। लेकिन दूसरी ओर आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाले लाभ से इस आय वर्ग के लोग वंचित हैं। आयुष्मान योजना के लिए राशन कार्ड का होना अनिवार्य है और गुलाबी व पीला राशन कार्ड बीपीएल परिवारों के लिए ही बनता है।
पांच वर्ष में 17 करोड़ मिलें इलाज के लिए सिर्फ रांची से :
वर्ष लाभुकाें की संख्या इलाज के लिए दी गई राशि
2015-16 263 3.72 करोड़
2016-17 435 5.14 करोड़
2017-18 336 4.70 करोड़
2018-19 275 3.67 करोड़
कुल 1309 17.23 करोड़