इधर मंत्री दे रहीं थी आश्वासन, उधर चल रहा था प्रशासन का बुलडोजर
क्त्रशरों को हटाने को लेकर पिछले दिनों जिला प्रशासन ने संबंधित इकाइयों पर इश्तेहार चिपकाया था, स्थानीय विधायक सह सूबे की शिक्षा मंत्री नीरा यादव स्टोन क्त्रशर एवं पत्थर व्यवसायियों के साथ बैठक में नाइंसाफी नहीं होने का दे रही थी आश्वासन।
जागरण संवाददाता, कोडरमा : कोडरमा इलाके में रोजगार का मुख्य साधन स्टोन क्त्रशर एवं माइंस व्यवसाय इन दिनों भयंकर आफत के दौर से गुजर रहा है। मामले को लेकर क्षेत्र की राजनीति भी काफी गर्म है। पिछले 1 सप्ताह से पत्थर एवं क्त्रशर उद्योग उद्योग पर जिस तरह प्रशासन का बुलडोजर चल रहा है, उससे सरकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों में गुस्सा उबाल पर है। इसी को शात करने के लिए सोमवार को स्थानीय विधायक सह सूबे की शिक्षा मंत्री नीरा यादव स्टोन क्त्रशर एवं पत्थर व्यवसायियों के साथ बैठक में जब उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने का आश्वासन दे रही थी ठीक उसी समय जिले के ही चंदवारा के करौंजिया इलाके में स्टोन क्त्रशर इकाइयों पर प्रशासन का बुलडोजर चल रहा था। यहा 21 क्त्रशरों को हटाने को लेकर पिछले दिनों जिला प्रशासन ने संबंधित इकाइयों पर इश्तेहार चिपकाया था इसी के आलोक में सुबह से 1 बजे तक 11 क्त्रशरों को ढहा दिया गया। पुलिस प्रशासन के द्वारा छ्वष्टक्च मशीन लगाकर इन प्रश्नों का क्त्रशर बॉडी वाइब्रेटर अंजन चैनल बंद कर एवं कर्मचारियों के रहने के लिए आवास व बाउंड्री को भी दहा दिया गया। यहा 21 क्त्रशर जिला प्रशासन के द्वारा अवैध संचालन के लिए चिन्हित किया गया है। वहीं दूसरी और डोमचाच मरकच्चो और चंदवारा में ऐसे 128 स्टोन क्त्रशर यूनिट चिन्हित है। इनमें से करीब एक दर्जन को अब तक ढाया गया है। उल्लेखनीय होगा कि इलाके का निरीक्षण के पश्चात गत माह एनजीटी की टीम ने कोडरमा जिले में स्टोन क्त्रशर वह पत्थर खदान से पर्यावरण को हो रही भारी क्षति की रिपोर्ट दी थी। इसमें टीम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों की शिथिलता को भी दर्शाया था। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई है। वहीं दूसरी ओर कोडरमा के नीरू पहाड़ी में क्त्रशर पत्थर उद्योग संघ के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए विधायक सह मंत्री नीरा यादव ने कहा कि पत्थर जिले के लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है। इसे बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मामले में पहल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि समस्या का निराकरण मिल-जुलकर किया जाएगा। लोग दलगत भावना से ऊपर उठकर इसके लिए आगे आए और निराकरण के उपाय बताएं। हर समस्या का निराकरण है। प्रशासन की ज्यादती को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर नियमावली में संशोधन कर लोगों को सीटी एवं एनओसी दिया जाएगा।
बैठक में क्त्रशर एवं पत्थर उद्योग संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र मेहता सचिव भीम साहू ने कहा कि सरकार के द्वारा रोज नए नए नियम लाए जाने से क्त्रशर उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। क्षेत्र में रोजगार एवं कारोबार थप्पड़ गया है लोग भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं। इस पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। यहा की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि शत-प्रतिशत नियमों का पालन किसी के द्वारा संभव नहीं है। इसलिए सरकार को बीच का रास्ता निकालने के लिए पहल करनी चाहिए।