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चालक ने कहा था, बिना शराब के नहीं चलती है बस

बस चालक ने कहा था कि बिना दारू पीये मुझसे बस नहीं चलती है। बस चालक के नशे के चक्कर में सात लोगों की जान चली गई।

By Edited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:36 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 03:27 PM (IST)
चालक ने कहा था, बिना शराब के नहीं चलती है बस
चालक ने कहा था, बिना शराब के नहीं चलती है बस

रांची, जेएनएन। कांके के नगड़ी गांव से बरात लेकर निकली बस के चालक के नशे के चक्कर में सात लोगों की जान लेने और चार दर्जन से अधिक लोगों को अपाहिज बनाने का जिम्मेदार बताया जा रहा है। चूंकि, बस चालक के नशे में रहने से दो बार हादसा होने से बाल-बाल बचा था। पर, तीसरी बार में दुवरसिनी मंदिर के समीप घाटी में बस पलट गई।

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बरात में शामिल रही अंजलि टोप्पो ने बताया कि निकलने से पहले चालक ने अत्यधिक शराब पी ली थी। इसके बाद स्टेयरिंग पर बैठा था। इसका नतीजा हुआ कि गांव से लेकर घटनास्थल के बीच में दो बार बड़े हादसे से बाल-बाल बचा था। पहले बाढ़ू गांव के समीप स्थित पुल के पास डिवाइडर मे टकराने से महज कुछ ही इंच से बस बच गई थी।

चालक ने जोरदार ब्रेक मारी थी। उसी समय बरातियों के रोंगटे खड़े हो गए थे। इसके बाद दोबारा पिठोरिया थाना से कुछ ही दूरी पर स्थित घाटी के पहले तीखे मोड़ पर जोरदार झटका चालक ने दिया था। इस पर बस मे बैठे बरातियों ने चालक को वाहन रोकने की बात भी कही थी। पर, चालक लोगों की बात को अनदेखी कर चलता बना। इस बीच, दुवरसिनी मंदिर के समीप की घाटी मे बस पलट गई। इससे बड़ा और दर्दनाक हादसा हो गया।

बरातियों ने रोका था शराब पीने से

बारात निकलने से पहले बरातियों ने बस चालक को शराब पीने से रोका था। पर, चालक ने बड़े रौब से कहा था कि बिना दारू पीये मुझसे बस नहीं चलती है। वैसे भी आप लोगों को चिंता करने कतई जरूरत नहीं है। आप लोग सकुशल गेगदा पहुंच जाएंगे। 

दूल्हे से पैसे के लिए की थी बहस

बस चलने से पहले जब बराती बस में बैठ गए, तो चालक ने ओवरलोडिंग खर्च बढ़ाने की मांग की। उसकी दूल्हा भगत उरांव से बहस भी हुई। बरातियो के मुताबिक, बस 3000 रुपये के भाड़ा मे रिजर्व की गई थी। पर, वह बढ़ाकर 4500 रुपये मांग रहा था। बस के ऊपर बैठ जाने से चालक ओवरलोडिंग खर्च मांग रहा था।

दूल्हे के पिता ने ऊपर बैठने से किया था मना

हादसे में मारे गए सभी लोग बस के ऊपर बैठे थे। वहीं, बरात चलने से पहले दूल्हे के पिता महादेव उरांव ने बस के ऊपर बैठने से बना किया था। उन्होंने कहा था कि ऊपर बैठना खतरनाक है। बेहतर है कि दो बार में लोग पहुंचाए जाएं। पर, उनकी बात की लोगों ने अनदेखी कर दी। इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

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