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सड़क पर गढ्डे बने आफत, मौत को दे रहे दावत

प्रतिदिन दो पहिया वाहन चालक सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं। किसी के हाथ टूट रहे हैं तो किसी के पैर।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 01:05 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 01:05 PM (IST)
सड़क पर गढ्डे बने आफत, मौत को दे रहे दावत
सड़क पर गढ्डे बने आफत, मौत को दे रहे दावत

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी की प्रमुख सड़कें गढ्डों से भरे पड़े हैं। प्रतिदिन दो पहिया वाहन चालक सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं। किसी के हाथ टूट रहे हैं तो किसी के पैर। कई लोगों की जान भी जा चुकी है। फिर भी पथ निर्माण विभाग के अधिकारी सड़कों के मेंटनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। नियमानुसार किसी सड़क की खोदाई करने से पूर्व पथ निर्माण विभाग से एनओसी प्राप्त करनी होती है।

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फिर भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग व अन्य निजी कंपनियां संबंधित विभाग से एनओसी प्राप्त किए बिना सड़क खोदाई का काम शुरू कर देती है। पाइप लाइन बिछाने, ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने व अंडरग्राउंड केबलिंग बिछाने के लिए सड़क की खोदाई कर कई दिनों तक छोड़ दिए जाते हैं। गढ्डों के इर्द-गिर्द न तो घेराबंदी की जाती है और न ही चेतावनी लिखे बोर्ड लगाए जाते हैं। परिणामस्वरूप रात के अंधेरे में सड़क पर पैदन चलने वाले या दो पहिया व चार पहिया चलाने वाले लोग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।

विभागीय समन्वय का अभाव :

अधिकारियों की मानें तो सड़क पर बन रहे गढ्डों के प्रति कई विभाग जिम्मेदार हैं। सड़क का निर्माण पथ निर्माण विभाग के माध्यम से कराया जाता है। एकरारनामा के तहत सड़क निर्माण कराने वाले ठेकेदार को निर्धारित अवधि तक सड़क का मेंटनेंस कार्य भी करना है। सड़क की खोदाई की गई हो या सड़क की परतें उखड़ रही हों, संबंधित ठेकेदार को ही मरम्मत कार्य कराना है। दूसरी ओर सड़क की खोदाई कराने वाली एजेंसी को कार्य प्रारंभ करने से पूर्व पथ निर्माण विभाग से न सिर्फ एनओसी प्राप्त करना है बल्कि टूटी सड़क के मरम्मत कार्य के लिए निर्धारित राशि का भुगतान भी करना है।

कांटाटोली-नामकुम मार्ग पर सड़क किनारे अनगिनत गढ्डे :

कांटाटोली-नामकुम मार्ग पर लोवाडीह से सामलौंग के बीच सड़कके किनारे अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए लगभग 10 जगहों पर खोदाई की गई है। खोदाई करने के बाद गढ्डों को खुला छोड़ दिया गया है। कई गढ्डों में बारिश का पानी भर चुका है। वाहन चालक भी यह नहीं समझ पा रहे कि सड़क किनारे गढ्डा है या जलजमाव। नतीजतन सड़क किनारे वाहनों को उतारते या ओवरटेकिंग करने के क्रम में कई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। फिर भी संबंधित विभाग की ओर से इन गढ्डों को भरने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।

लालपुर-अल्बर्ट एक्का मार्ग पर सड़क किनारे गढ्डे :

लालपुर से अल्बर्ट एक्का जाने वाले मार्ग पर भी तीन जगहों पर अंडग्राउंड केबलिंग कार्य के लिए सड़क की खोदाई कर दी गई है। सड़क किनारे मिंट्टी के टीले खड़े कर दिए गए हैं। यदि रात के अंधेरे में तेज रफ्तार वाहन इन गढ्डों के समीप से होकर गुजरे, तो उनका संतुलन बिगड़ सकता है और कोई हादसा भी हो सकता है। फिर भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को ठेकेदार की यह लापरवाही दिखाई नहीं देती।


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