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पलामू में 53 करोड़ से शुरू हुई पेयजलापूर्ति योजना का बजट पहुंचा 234 करोड़

मेदिनीनगर नगर निगम की अधिकांश जनता शुद्ध पेयजल के लिए तरस रही है। पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल विभाग-विभाग में घूम रही है। आलम है कि नगर निकाय पेयजलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के बाद अब मेदिनीनगर पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल रांची जुडको के कार्यालय में पड़ी है।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 03:36 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 03:36 PM (IST)
मेदिनीनगर नगर में पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल विभाग-विभाग में घूम रही है और काम बंद पड़ा है।

मेदिनीनगर, जासं। पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर नगर निगम की अधिकांश जनता शुद्ध पेयजल के लिए तरस रही है। पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल विभाग-विभाग में घूम रही हैं। आलम है कि नगर निकाय, पेयजलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के बाद अब मेदिनीनगर पेयजलापूर्ति योजना फेज टू की फाइल रांची जुडको के कार्यालय में पड़ी है। योजना के मसले पर 12 वर्षों से विभाग-विभाग का खेल चल रहा है। बावजूद जनप्रतिनिधियों के अलावा अधिकारियों की उदासीनता के कारण अब तक योजना धरातल पर नहीं उतरी जा सकी है। पूर्व में टेंडर हुआ और निर्माण कार्य अधूरा ही रह गया था। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जुडको पुन: पेयजलापूर्ति योजना फेज टू को लेकर सक्रिय हुआ।

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एशिया विकास बैंक से राशि मिलने की उम्मीद पर नगर निगम के सहयोग से नए-पुराने क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए रोडमैप तैयार करने की योजना बनाई गई। जुडको व कंस्लटेंसी वेपकोस के प्रतिनिधि जलापूर्ति योजना की पुरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए नई व्यवस्था तैयार करने में लगे थे। 234 करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना फेज दो का काम दो सालों में पूरा करने की तैयारी थी। वर्ष 2051 तक को ध्यान में रखकर योजना तैयार की गई थी। उद्देश्य है कि आने वाले 30 सालों तक नगर निगम क्षेत्र के सभी घरों में आसानीपूर्वक पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके। लेकिन पैसा की अप्राप्ति के कारण इस बार भी फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है।

नई योजना में क्या-क्या निर्माण का है लक्ष्य

मेदिनीनगर : शहरी पेयजलापूर्ति योजना के लिए 234 करोड़ की लागत से एक वाटर ट्रिटमेंट प्लांट, एक इंटकवेल, 1.5 मीटर का छलका और 230 किलोमीटर पाइपलाईन बिछाया जाना है। नगर निगम अंतर्गत सभी 35 वार्डो में फेज टू का काम होना है। बताया जाता है कि पुरानी व्यवस्था में पाइपलाईन बिछा रहने के बावजूद कुछ वार्डो के घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। क्योंकि पाइपलाईन जैसे-तैसे बिछा दी गई थी। जलापूर्ति योजना फेज टू के तहत 30 हजार घरों में हाउस कनेक्शन मीटर समेत देने का प्रावधान भी है।


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