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रायपुर से अलग हुई एनआइए की रांची शाखा, केंद्र की मिली मंजूरी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रांची शाखा की अब रायपुर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को देश में एनआइए की तीन नई शाखाओं को स्वीकृति दी है। इनमें इंफाल व चेन्नई के अलावा रांची भी शामिल हैं। इन तीन नई शाखाओं के शुरू होने से किसी भी आकस्मिक स्थिति में आतंकवाद के विरुद्ध अनुसंधान में एनआइए को त्वरित कार्रवाई का मौका मिलेगा। इससे एनआइए की ताकत और बढ़ेगी। समय से अनुसंधान के अलावा साक्ष्य संकलन में भी सहयोग मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 12:37 AM (IST)
रायपुर से अलग हुई एनआइए की रांची शाखा, केंद्र की मिली मंजूरी

रांची : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रांची शाखा की अब रायपुर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को देश में एनआइए की तीन नई शाखाओं को स्वीकृति दी है। इनमें इंफाल व चेन्नई के अलावा रांची भी शामिल हैं। इन तीन नई शाखाओं के शुरू होने से किसी भी आकस्मिक स्थिति में आतंकवाद के विरुद्ध अनुसंधान में एनआइए को त्वरित कार्रवाई का मौका मिलेगा। इससे एनआइए की ताकत और बढ़ेगी। समय से अनुसंधान के अलावा साक्ष्य संकलन में भी सहयोग मिलेगा।

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बताते चलें कि अब तक एनआइए की रांची शाखा पर रायपुर का नियंत्रण था। नई शाखाओं की स्वीकृति के बाद अब एनआइए की रांची अब स्वतंत्र रूप से काम करेगी। इस शाखा को संबंधित शक्ति प्रदान करने क्रिया प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी होने की उम्मीद है। वर्तमान में देश में एनआइए की नौ शाखाएं संचालित हैं। इनमें गुवाहाटी, मुंबई, जम्मू, कोलकाता, हैदराबाद, कोच्चि, लखनऊ, रायपुर व चंडीगढ़ शामिल हैं। अब तीन नई शाखाएं शुरू होने से देश में एनआइए की कुल 12 शाखाएं हो जाएंगी। सभी शाखाएं नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से नियंत्रित होती हैं।

------------ पटना के गांधी मैदान में बम विस्फोट के बाद रांची में खुली थी एनआइए की शाखा

रांची : पटना के गांधी मैदान में बम ब्लास्ट के बाद रांची में खोली गई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की शाखा को स्वतंत्र प्रभार देने की तैयारी पिछले कई वर्षों से चल रही थी। पटना बम ब्लास्ट के बाद जब रांची में एनआइए की शाखा खुली, ब्लास्ट से जुड़े इंडियन मुजाहिद्दीन के आधा दर्जन से अधिक आतंकी रांची के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किए गए थे। इतना ही नहीं, दूसरे जिलों से भी इंडियन मुजाहिद्दीन, अलकायदा, सिमी से जुड़े आतंकी और उनके स्लीपर सेल की जानकारी एनआइए को मिली और कई गिरफ्तारियां भी हुई।

रांची में एनआइए की शाखा खुलने के बाद झारखंड सरकार के अनुरोध पर नक्सलियों के टेरर फंडिग मामले की जांच की जिम्मेदारी भी एनआइए को मिली। इतना ही नहीं, झारखंड के बहुचर्चित तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेदारी भी एनआइए को मिली। एनआइए ने इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग और साक्ष्य एकत्रित कर पूर्व मंत्री राजा पीटर को सलाखों के पीछे पहुंचाया। नक्सलियों को फंडिग के मामले में भी एनआइए के हाथ काफी सबूत लगे हैं। एनआइए के पास जांच के लिए दर्जनभर से अधिक मामले हैं। एनआइए की रांची शाखा रायपुर के अधीन संचालित होने की वजह से अनुसंधान पदाधिकारी को रांची से रायपुर तक की दौड़ लगानी पड़ती थी। अब एनआइए के एसपी रांची में बैठेंगे तो अनुसंधान में तेजी आएगी। सूचनाओं पर शीघ्र निर्णय के साथ एक्शन भी होगा।

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