रिम्स में बीपी लो का इंजेक्शन लगातार दो बार दे दिया, हो गई मौत
मरीज की मौत के बाद रिम्स पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
रांची, जागरण संवाददाता। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के न्यूरो विभाग में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने नर्स व डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ. सीबी सहाय के यूनिट में भर्ती धुर्वा निवासी पूनम देवी (पति प्रेम कुमार) के परिजनों ने कहा कि बीपी (ब्लड प्रेशर) कम करने का इंजेक्शन थोड़े समय के अंदर ही दो बार देने के बाद मरीज की मौत हो गई।
मृत महिला पूनम देवी के बेटे सत्यजीत ने बताया कि सोमवार को उनकी मां के ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ था। गुरुवार की सुबह चार बजे उन्हें होश आया, पर स्थिति ठीक नहीं थी। बीपी अचानक से कम होने लगा। इसके बाद डॉक्टर ने दवा दी, जिससे वह स्टेबल हो गई।
सुबह में करीब सात बजे नर्स ने बीपी नियंत्रण करने के लिए लैसिक्स नाम का इंजेक्शन दिया। कुछ देर बाद नर्स की ड्यूटी बदल गई। जब दूसरी नर्स आई, तो उसने बिना चार्ट देखे वही इंजेक्शन दोबारा दे दिया। इससे उनकी मां की स्थिति बिगड़ने लगी और दिन में करीब 10:45 बजे उनकी मौत हो गई।
मृत महिला के परिजनों ने बताया कि मरीज के ब्रेन हेमरेज के ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति ठीक हो रही थी। सिर्फ ब्लड प्रेशर नियंत्रण में नहीं था। परिजनों ने कहा कि विभाग के डॉक्टर और नर्स दोनों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है।
लैसिक्स का प्रयोग :
विशेषज्ञों के अनुसार लैसिक्स (फ्रूसीमाइड) मूत्रवर्द्धक है और इसका प्रयोग सामान्यत: उच्च रक्तचाप और पानी बढ़ने के कारण शरीर फूलने के उपचार में किया जाता है।
कोट.
मरीज को हाइपर टेंशन की वजह से ही ब्रेन हेमरेज हुआ था। ब्रेन में खून का बड़ा सा क्लॉट बन गया था। ऑपरेशन के बाद भी मरीज का बीपी जब बढ़ने लगा तो उसे दवा दी गई। एक बार उसे लैसिक्स पड़ा था। उसके बाद भी जब बीपी कंट्रोल नहीं हुआ, तो दवा दी गई। पहले से ही खून की नली फटी हुई थी। दवा गलत नहीं दी गई। उसकी स्थिति खराब थी। जहां तक मरीज के इलाज में लापरवाही की बात है, तो इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है।
- डॉ. सीबी सहाय, न्यूरो सर्जन, रिम्स।
---