Move to Jagran APP

Doctors Protestः चिकित्सकों ने बंद कराया रिम्स ओपीडी , बाहर निकाला मरीजों को

आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति मिलने पर ( मिक्सोपैथी) नाराज डाक्टरों ने सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सीय सेवा को ठप रखा है। सुबह 6बजे से इमरजेंसी और कोविड सेवा को छोड़कर अन्य सेवा को प्रभावित रखा गया है। मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी हो रही है।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 09:14 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 12:10 PM (IST)
Doctors Protestः  चिकित्सकों ने बंद कराया  रिम्स ओपीडी , बाहर निकाला मरीजों को
Doctors Protest ः आइएमए ने सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सीय सेवा को ठप रखा है

रांची (जागरण संवाददाता)। आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति मिलने पर ( मिक्सोपैथी) नाराज डॉक्टरों ने सुबह 10:30 बजे से रिम्स और सदर अस्पताल की ओपीडी को घूम-घूम कर बंद कराया। ओपीडी में बैठकर इलाज कर रहे डॉक्टरों को बाहर निकला गया और मरीजों को बताया गया कि आज ओपीडी में इलाज नहीं होगा जिन्हें ज्यादा जरूरत है वह इमरजेंसी में जाकर इलाज कराएं।

loksabha election banner

सुदूर क्षेत्र से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों का कहना था कि उन्हें ओपीडी बंद की जानकारी नहीं थी इस वजह वह इलाज कराने रिम्स पहुंचे थे। लेकिन डॉक्टरों ने ओपीडी बंद करा दिया। ऐसे हालात में वह कहां जाएंगे। ओपीडी की सेवा को बाधित रखा गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सीय सेवा ठप रहेगा। सुबह 6बजे से इमरजेंसी और कोविड सेवा को छोड़कर अन्य सेवा प्रभावित रखा गया है। संध्या 6:00 तक डॉक्टर ओपीडी सहित

नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, अल्ट्रासाउंड सेंटर, एक्स-रे सेंटर पर मरीजों को अपनी सेवा नहीं देंगे।

कार्य बहिष्कार में शामिल चिकित्सकों का कहना है कि वह सरकार की नीतियों के खिलाफ अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवा को प्रभावित रखेंगे। सिर्फ इमरजेंसी और कोविड सेवा को बहाल रखेंगे। आईएमए के आह्वान पर देशभर के चिकित्सक मिक्सोपैथी के विरोध में प्रदर्शन रखेंगे। सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं होगा।

झासा और निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने भी समर्थन किया है। रिम्स  सहित सदर अस्पताल के  चिकित्सक ने भी  इसका समर्थन किया है ।  सदर अस्पताल और रिम्स में तीन हजार के करीब मरीजों को रोजाना ओपीडी में देखा जाता है। वहीं निजी अस्पताल में चिकित्सकीय सेवा प्रभावित होने से मरीजों के पास कोई भी विकल्प नहीं बचा है। उन्हें अगले दिन का इंतजार करना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि 8 दिसंबर को नाराज चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि इस दौरान किसी भी तरह की सेवा को प्रभावित नहीं रखा गया था। सिर्फ 2 घंटे का चिकित्सक अपने क्षेत्र में का विरोध प्रदर्शन किया था।  आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा एके सिंह  ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक डाक्टरों को भी सर्जरी करने की अनुमति दे दी है, जो मरीजों के हित में नहीं है। बिना किसी पढ़ाई और अनुभव के चिकित्सकों द्वारा सर्जरी करना गलत है । सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.