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डीएसपी व थानेदार पर थाने में दुष्कर्म के आरोप, सीआइडी जांच का आदेश

झारखंड में जमशेदपुर की नाबालिग ने मानगो स्थित सहारा सिटी अपार्टमेंट में दुष्कर्म का वीडियो बनाने का आरोप लगाया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 06:51 PM (IST)
डीएसपी व थानेदार पर थाने में दुष्कर्म के आरोप, सीआइडी जांच का आदेश
डीएसपी व थानेदार पर थाने में दुष्कर्म के आरोप, सीआइडी जांच का आदेश

रांची, जेएनएन। मुख्यमंत्री जनसंवाद में जमशेदपुर की नाबालिग ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से दुष्कर्म मामले की सीबीआइ जांच की गुहार लगाई। मानगो स्थित सहारा सिटी अपार्टमेंट में उसके साथ कई बार दुष्कर्म होने और वीडियो बनाने का आरोप है। नाबालिग के अनुसार, एमजीएम थाने में ही डीएसपी अजय केरकेट्टा और थाना प्रभारी ने भी दुष्कर्म किया।

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछे जाने पर जमशेदपुर एसपी ने कहा कि जांच में तीन अभियुक्तों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई है। तीनों की गिरफ्तारी भी हुई है लेकिन पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया। उन्होंने आज ही इस मामले में आइजी को भी तलब किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, एक माह में इसकी जांच होनी चाहिए। मामले में पुलिस पदाधिकारियों की संलिप्तता पाई जाने पर सीबीआइ से भी जांच कराई जा सकती है। नाबालिग के संरक्षकों का कहना था कि पुलिस मामले को दूसरा मोड़ देते हुए डीएसपी और थाना प्रभारी को बचा रही है। नाबालिग के साथ अपार्टमेंट में काफी ज्यादती हुई। तीन-तीन लोगों ने एक साथ दुष्कर्म किया।

जानें, क्या है मामला
मानगो थाना क्षेत्र में अश्लील वीडियो बनाकर नाबालिग से दुष्कर्म करने तथा देह व्यापार कराने के मामले में 19 जनवरी, 2018 को पीड़िता की मां ने मानगो थाना में मामला दर्ज कराया था। पीड़िता की मां ने शिव कुमार महतो, इंद्रपाल सैनी, श्रीकांत के खिलाफ दुष्कर्म करने व वीडियो का भय दिखाकर देह व्यापार कराने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में तीन आरोपित जेल में बंद है। इसके अलावा तत्कालीन पटमदा डीएसपी अजय केरकेट्टा तथा एमजीएम थाना प्रभारी इमदाद अंसारी के अलावा कई बिल्डर, नेता शामिल हैं। मानगो में नाबालिग के साथ हुई दुष्कर्म और वेश्यावृत्ति कराने के मामले में पुलिस ने पोस्को एक्ट के विशेष अदालत में दी गई कॉल डिटेल रिपोर्ट निकाला, लेकिन उससे कुछ हासिल नहीं हुआ। इसमें हर जगह पर आरोपित डीएसपी व थानेदार का लोकेशन मिल रहा है, लेकिन पीड़िता का नहीं मिला।

इससे पता चलता है कि पीड़िता कहीं गई ही नहीं। जब वह कहीं गई नहीं तो उसके द्वारा बताए गए लोकेशन पर डीएसपी, थानेदार व अन्य आरोपित क्यों गए। इस संबंध में पीडि़ता के संरक्षक नानकचंद्र सेठ ने पुलिस द्वारा कोर्ट को सौंपे गए केस डायरी में आरोपित डीएसपी व थानेदार का बयान का उल्लेख नहीं किया है। नानक का कहना है कि यदि पुलिस व अन्य आरोपित लड़की द्वारा बताए गए स्थान पर गए तो उनका बयान क्यों नहीं लिया गया। आखिर डीएसपी, थानेदार व अन्य आरोपित एमजीएम, डिमना रिसोर्ट, सहारा सिटी, मोटल हाइवे व अन्य स्थानों पर क्यों गए। किसी मामले का अनुसंधान करने गए या घूमने गए। मोटल हाइवे में पीडि़ता ने कई बार दुष्कर्म किए जाने की बात कही है, लेकिन यहां भी उसका मोबाइल का लोकेशन नहीं पाया गया। यहां डीएसपी अजय केरकेट्टा व आरोपित शिव कुमार महतो का लोकेशन पाया गया। 


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