मीनाक्षी लेखी का कांग्रेस पर करारा वार, बंदूक लहराना कांग्रेसियों का असली चरित्र
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने झारखंड के डालटनगंज में कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के पिस्तौल लहराने की घटना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी के पिस्तौल दिखाने की घटना को कांग्रेस के चरित्र और संस्कृति से जोड़ा है। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने रांची में मीडिया से बातचीत में कहा कि बंदूक लहराना कांग्रेस का असली चरित्र रहा है। लेखी ने इस घटना को हैरान कर देने वाला बताया। कहा, ऐसी घटनाएं पुराने समय होती थीं, जब बंदूक दिखाकर बूथ लूटे जाते थे।
मीनाक्षी लेखी ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को भी निशाने पर लिया। कहा, हेमंत कहते हैं कि उन्हें आदिवासी के अलावा किसी का वोट नहीं चाहिए। हेमंत को बताना चाहिए कि सत्ता में रहते आदिवासियों के लिए उन्होंने क्या किया? हेमंत को न तो आदिवासियों का वोट मिलेगा और न ही गैर आदिवासियो का। क्योंकि, उन्होंने सत्ता में रहते हुए दोनों वर्गों के लिए कुछ नहीं किया। कहा, हेमंत ने आदिवासियों का इस्तेमाल कर सिर्फ अपनी तिजोरी भरी है। राज्य में अगर सबकुछ ठीक ही था, तो पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार को एक लाख लोगों को रोजगार देने की जरूरत क्यों पड़ती। हजारों शौचालय क्यों बनाने पड़ते?
मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस और झामुमो के गठबंधन पर कहा कि ये कुछ भी करके सत्ता में बने रहना चाहते हैं। आदिवासियों के नाम की राजनीति करने वाले हेमंत ने तो जेपीएससी से स्थानीय भाषा को बाहर कर दिया था। आदिवासियों के नाम पर कितनी घिनौनी राजनीति कर सकते हैं, यह हेमंत ने दिखाया। इस मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, मीडिया सह प्रभारी संजय जायसवाल व राजश्री जयंती उपस्थित थीं।
किस विषय पर क्या बोली लेखी
- अर्थव्यवस्था की गिरावट पर : दुनिया के 90 प्रतिशत देशों में निगेटिव ग्रोथ है। पूरे विश्व में मंदी का माहौल है। इस लिहाज से देखें तो हम अभी भी अच्छी स्थिति में हैं।
- रांची में हुई दुष्कर्म की घटना पर : मुझे जानकारी मिली है कि आरोपी अरेस्ट हो चुके हैं। फिर भी किसी भी लड़की के साथ ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- प्याज की कीमतों पर : प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने पचास हजार टन प्याज आयात किया है। अब यह राज्यों का काम है कि वे केंद्र से डिमांड करें।