भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या मामले में मुन्ना बजरंगी गैंग के दो गुर्गे वाराणसी से गिरफ्तार
करीब तीन माह पहले झारखंड (Jharkhand) में हुई भाजपा नेता (BJP Leader) जीतराम मुंडा (Jeetram Munda) की हत्या के मामले में फरार चल रहे मुन्ना बजरंगी गैंग (Munna Bajrangi Gang) के सदस्य रहे दो बदमाशों को उप्र एसटीएफ (STF) व झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने गिरफ्तार किया है।
रांची/वाराणसी, जागरण संवाददाता। Crime News : करीब तीन माह पहले झारखंड (Jharkhand) में हुई भाजपा नेता (BJP Leader) जीतराम मुंडा (Jeetram Munda) की हत्या के मामले में फरार चल रहे मुन्ना बजरंगी गैंग (Munna Bajrangi Gang) के सदस्य रहे दो बदमाशों को उप्र एसटीएफ (STF) व झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने गिरफ्तार किया है। दोनों शातिरों जौनपुर (Jaunpur) के कादीहद निवासी अजीत प्रताप सिंह उर्फ लल्लन व जौनपुर के खुनसापुर निवासी राजीव कुमार सिंह को कैंट थाना क्षेत्र के मिंट हाउस तिराहे के पास से गिरफ्तार (Arrest) किया गया। इनके पास से वारदात में प्रयुक्त डस्टर कार व दो मोबाइल फोन बरामद हुआ है। 22 सितंबर को रांची (Ranchi) में आर्यन ढाबा पर जीतराम मुंंडा की हत्या कर दी गई थी।
पांच लाख में दी थी हत्या की सुपारी
मुन्ना बजरंगी गैंग के भाड़े का शूटर अंबेडकर नगर निवासी अमन धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। अमन ने जेल में ही मनोज मुंडा से भाजपा नेता की हत्या की सुपारी पांच लाख रुपये में ली थी। अमन ने जीतराम की हत्या आजमगढ़ के देवगांव निवासी अलीशेर उर्फ बाबूसाहब उर्फ बूढ़ा और गाजीपुर के भुजाड़ी निवासी हेमंत यादव उर्फ डब्लू से कराई थी। बीते 25 अक्टूबर को एसटीएफ ने मुठभेड़ में अलीशेर और उसके साथी कामरान को मार गिराया था। अजीत और राजीव ने अलीशेर को झारखंड पहुंचने में मदद की थी।
बदला लेने के लिए रची थी साजिश
दोनों आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि 2017 में अमन सिंह के साथ मनोज मुंडा जेल में बंद था। जेल में उनके साथ पीएलएफआइ नक्सली डेविड उर्फ बलराम साहू भी था। उसने ही मनोज की मुलाकात अमन से कराई। जीतराम की गवाही के कारण मनोज को सात साल की सजा हुई थी। मनोज इसका बदला लेना चाहता था। जीतराम की हत्या की सुपारी लेने के बाद अमन ने राजीव और अजीत के जरिए फरारी काट रहे एक लाख के इनामी अलीशेर से बात की। राजीव, अजीत ने डस्टर कार से अलीशेर और हेमंत को डेहरी आनसोन तक छोड़ा था। दोनों आरोपितों आपस में ममेरे भाई हैं और मुन्ना बजरंगी के करीबी थे। अजीत के पिता गजराज सिंह ने शुरुआती दिनों में मुन्ना बजरंगी की मदद की थी।
22 सितंबर को ओरमांझी में कर दी गई थी हत्या
भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या 22 सितंबर को ओरमांझी के एक होटल में की गई थी। हत्यारे बाइक से आए थे और जीतराम मुंडा को तब गोली मारकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। जब वह होटल के मालिक राज किशोर साहू के साथ चाय पी रहे थे। मनोज मुंडा ने हत्या की सुपारी उत्तर प्रदेश के शूटरों को दी थी। शूटर 22 सितंबर की सुबह रांची पहुंचे थे और शाम को हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे।
मनोज मुंडा के खिलाफ कराई थी प्राथमिकी दर्ज
हत्या की घटना के बाद झारखंड में राजनीतिक उबाल आ गया था। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने घटना की निंदा की थी। मामले में भाजपा नेता की पत्नी ने मनोज मुंडा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
मनोज मुंडा को किसी मामले में हुई थी सजा
बताते हैं कि मनोज मुंडा और जीतराम मुंडा के बीच पुरानी दुश्मनी चली आ रही थी। जीतराम मुंडा की गवाही पर मनोज मुंडा को किसी मामले में सजा हुई थी। तभी से मनोज मुंडा जीतराम मुंडा के खिलाफ साजिश रच रहा था। मनोज मुंडा जेल में था और जेल से निकलने के बाद उसने जीतराम की हत्या की साजिश रची थी।