तब्लीगियों के पक्ष में बयान देकर घिरे कांग्रेस के मंत्री, भाजपा बोली- तुष्टीकरण में जुटी है सरकार
Jharkhand Coronavirus News. झारखंड के अधिसंख्य कोरोना पीडि़तों का संबंध तब्लीगी जमात से है। फिर भी मंत्री कह रहे हैं कि जमातियों से कोरोना नहीं फैला है।
रांची, राज्य ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री मरकज के पक्ष में बयान देकर विवादों में घिर गए हैं। भाजपा और अन्य विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे कैसे मरकज के पक्ष में मंत्री बयान दे सकते हैं। झारखंड में अब तक मिले पीडि़तों में से अधिसंख्य लोगों का कहीं ना कहीं सपंर्क या संबंध तब्लीगी जमात के लोगों से रहा है। 27 में से 24 मामले इन्हीं से जुड़े हैं।
इसके बाद भी एक दिन पहले मंत्री ने बयान दिया है कि चीन से आई बीमारी को भाजपा और केंद्र सरकार सोची-समझी साजिश के तहत तब्लीगियों से जोड़ रही है। मंत्री रामेश्वर उरांव जिन कारणों से केंद्र को दोषी ठहरा रहे हैं वही कारण झारखंड में भी अब प्रभावी होते दिख रहे हैं। अगर केंद्रीय खुफिया विभाग जमातियों का समय पर पता लगाने में चूक गई तो झारखंड में भी तो वही हुआ।
यहां पता लगने के बाद भी जमात में शामिल लोग बाहर नहीं आ रहे हैं और ना ही इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि उन्होंने किन-किन लोगों से मुलाकात की है। ऐसे में कहीं न कहीं राज्य सरकार की अपील को तब्लीगी जमात के द्वारा दरकिनार कर दिया गया है। इस बीच, मंत्री ने इस मामले में कहा है कि उन्होंने मरकज के पक्ष में बयान नहीं दिया। मंगलवार को एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि दिल्ली में केंद्र की सरकार थी, पुलिस-आइबी उनकी थी, फिर भी लोगों को रोक नहीं पाए। अब अपनी कमजोरी छिपाने के लिए समाज को बांट रहे हैं।
मंत्री का नया बयान, चीन का नाम क्यों नहीं लेते भाजपाई
मंत्री ने बुधवार को कहा कि सभी जानते हैं कि यह बीमारी चीन से आई है, लेकिन भाजपा के नेताओं को जमात के बारे में बता दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया, कोई चीन का नाम क्यों नहीं ले रहा है। भाजपा नेताओं में चीन का नाम लेने की हिम्मत नहीं है। अभी भी चीन से ही सामान मंगा रहे हैं। पीपीई भी वहीं से मंगाया जा रहा है।
राज्य सरकार अपने गिरेबान में झांके : अरुण उरांव
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने राज्य सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव पर निशाना साधा है। उन्होंने मंत्री के हालिया बयान पर कहा, रामेश्वर उरांव अपने बयानों से अपनी विफलता छिपाना चाहते हैं। पूरे प्रदेश में गरीबों तक राशन नहीं पहुंच रहा। राशन के अभाव में लोग भूखों सोने को विवश हैं। केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए जो तीन माह का राशन उपलब्ध कराया है वह जरूरतमंदों, गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। यह सब सरकार की विफलता को दर्शाता है।
अरुण ने कहा कि हेमंत सरकार साम्प्रदायिक तुष्टिकरण में आकंठ डूबी है। अधिकारियों की पोस्टिंग में मजहब देखा जा रहा। अपराधियों पर कार्रवाई में मजहब देखा जा रहा, लॉक डाउन के नियमों के पालन में मजहब देखा जा रहा। मजदूरों को बस से भेजने में भी मजहब देखा जा रहा। कोरोना संक्रमण के इलाज को मजहब प्रभावित कर रहा। उन्होंने कहा कि लोहरदगा में सीएए समर्थन रैली पर पथराव की घटना हो, सिसई में आदिवासी की हत्या हो या कोरोना संकट के बीच के निर्णय हों, हर बार राज्य सरकार का साम्प्रदायिक चेहरा खुलकर सामने आया है।
महामारी से लडऩे से ज्यादा तुष्टीकरण में जुटी है हेमंत सरकार : भाजपा
कोरोना संकट के बीच राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। रांची के हिंदपीढ़ी क्षेत्र की हालिया घटनाओं को आधार बना भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार की मंशा महामारी से लडऩे की नहीं, बल्कि तुष्टिकरण की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस संदर्भ में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र भी लिखा है और उनसे कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की हर संभव मदद के बावजूद राज्य सरकार में इस गंभीर संकट से निपटने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव स्पष्ट झलक रहा है।
उन्होंने कहा कि रांची स्थित हिंदपीढ़ी क्षेत्र हॉट स्पॉट में तब्दील हो चुका है, जहां राज्य के 27 में से 13 मरीज चिन्हित हुए हैं, इनमें एक की मौत भी हो चुकी है। फिर भी यहां लॉक डाउन का मखौल उड़ाया जा रहा है। कोरोना योद्धाओं को रोज अपमानित होना पड़ रहा है, सेवा कर्मियों पर थूका जा रहा है, चिन्हित मरीज को अस्पताल ले जाने में हंगामा हो रहा है। सैंपल कलेक्शन और सेनेटाइजर छिड़कने में भी सेवा कर्मियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा। इतना होने के बाद भी कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है।
दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि इस क्षेत्र में नियमो के अनुपालन के लिए पदाधिकारी भी मजहब विशेष के ही प्रतिनियुक्त हैं। भाजपा नेताओं ने प्रेषित पत्र में राज्यपाल से कहा कि लॉक डाउन के उल्लंघन पर प्राथमिकी दर्ज करने में भी सरकारी तंत्र द्वारा भेद भाव किया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि राज्य सरकार से कोरोना प्रभावित सभी क्षेत्रों में बिना भेदभाव के कठोरता पूर्वक लॉक डाउन के नियमों का पालन कराएं, ताकि राज्य में महामारी का फैलाव नियंत्रित रहे और आमजन सुरक्षित हों।