एयरपोर्ट पर पिक एंड ड्रॉप वाहन पर नहीं लगेगा पार्किग शुल्क
जागरण संवाददाता रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पिक एंड ड्रॉप वाहनों से अब पार्किग शुल्क नहीं
जागरण संवाददाता, रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पिक एंड ड्रॉप वाहनों से अब पार्किग शुल्क नहीं लिया जाएगा। सोमवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर आयोजित विमानपत्तन सलाहकार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सांसद संजय सेठ ने की। एयरपोर्ट के निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि नई पार्किग प्रणाली में इसे सम्मिलित किया जाएगा।
राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने बताया कि एयरपोर्ट निदेशक ने आश्वस्त किया है कि दो-तीन दिनों के अंदर पिक एंड ड्रॉप के लिए अलग लेन की व्यवस्था कर इस श्रेणी के वाहनों को पार्किग शुल्क से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर गाड़ियों की पार्किग को लेकर यात्रियों को असुविधा हो रही है। उन्होंने एयरपोर्ट निदेशक को निर्देश दिया कि पार्किग शुल्क उन वाहनों से लिया जाए, जिसे पार्किग में लगाया जाना है।
बैठक में विस्थापित गांवों में पाइपलाइन बिछाने या सड़क निर्माण से संबंधित विवादों के समाधान के लिए जल्द ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों, एयरपोर्ट प्रबंधन, राज्य प्रशासन व सेना के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करने पर भी सहमति बनी। सांसद संजय सेठ ने एयरपोर्ट प्रबंधन से उन्होंने एयरपोर्ट प्रबंधन से पिछले दस वषरें में सीएसआर के तहत किए गए खर्च का ब्यौरा भी मांगा।
इस अवसर पर विधायक नवीन जायसवाल, चेंबर अध्यक्ष कुणाल आजमानी समेत एयरपोर्ट अथॉरिटी के कई अधिकारी उपस्थित थे।
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दो नए एयरोब्रिज लगेंगे, जल्द शुरू होगी रात्रिकालीन सेवा बैठक में एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए आने वाले दिनों में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर दो नए एयरोब्रिज लगेंगे। इसके बाद एयरपोर्ट पर कुल चार एयरोब्रिज की सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही एयरपोर्ट से रात्रिकालीन सेवाएं भी शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों के लिए एयरपोर्ट लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कार्गो के माध्यम से प्रतिदिन रांची से 20 टन मटर बेंगलुरु भेजा जा रहा है।
सांसद संजय सेठ ने एयरपोर्ट निदेशक को निर्देश दिया कि इस बात का अधिक से अधिक प्रचार करें, ताकि राज्य के किसान इसका लाभ उठा सकें। सांसद ने बताया कि बैठक में रांची से बनारस, लखनऊ व पुणे के लिए भी विमान सेवा शुरू करने करने पर भी चर्चा हुई। एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि इस वर्ष बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 23.5 लाख यात्रियों ने आवाजाही की है।
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सीएसआर की अधिक से अधिक राशि विस्थापित गांवों में बुनियादी सुविधाओं पर खर्च करें। हेथू, हुंडरू आदि गांव में जल्द से जल्द पेयजल, सड़क, शिक्षा व चिकित्सा से संबंधित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मेडिकल वैन की सुविधा में विस्थापित गांवों को प्राथमिकता दी जाए।
- संजय सेठ, सांसद।
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अन्य राज्यों व विदेशों से झारखंड आने वालों को राज्य का पहला परिचय एयरपोर्ट पर ही मिलता है। यदि एयरपोर्ट की पार्किग व्यवस्था में इस प्रकार की विसंगतियां होंगी तो राज्य की छवि खराब होगी।
- महेश पोद्दार, राज्यसभा सदस्य।
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एयरपोर्ट पर कार्यरत संविदा कर्मियों में विस्थापित गांव के युवकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सीएसआर योजना के तहत विस्थापित गांवों में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए।
-नवीन जायसवाल, विधायक, हटिया।
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एयरपोर्ट एप्रोच रोड के लिए वैकल्पिक मार्गो की व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक है। कुछ अवसरों पर यात्रियों का विमान छूट जाता है। साथ ही एयर कार्गो की सुविधा का प्रचार-प्रसार करने की आवश्कता है।
- कुणाल आजमानी, अध्यक्ष, एफजेसीसीआइ।