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राजधानी के जल स्त्रोतों में शैवाल विकसित कर बायो फ्यूल बनाएगी कंपनी

राजधानी को रमणीक बनाने का खाका तैयार हो रहा है। तालाबों में शैवाल विकसित कर बायो फयूल बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 08:51 AM (IST)
राजधानी के जल स्त्रोतों में शैवाल विकसित कर बायो फ्यूल बनाएगी कंपनी

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी को रमणीक बनाने का खाका तैयार हो रहा है। नगर निगम यह खाका तैयार कर रहा है। मेसर्स मोर माइलेज शहर के डैम व तालाबों में शैवाल विकसित करेगी और इससे बायो फ्यूल बनाएगी। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बुधवार को दो एजेंसियों ग्रीन ड्रीम फाउंडेशन और मैसर्स मोर माइलेज के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इन दोनों कंपनियों ने सीएसआर के तहत राजधानी का सुंदरीकरण करेंगे।

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बैठक में मैसर्स ग्रीन ड्रीम फाउंडेशन शहर में 15000 वर्ग फीट में वॉल पेंटिग का काम कर रही है। कंपनी जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली के तहत परंपरागत तरीके से कचरे का पृथक्करण और इससे कंपोस्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे शहर साफ सुथरा होगा और कचरे से खाद भी बनेगी। यही नहीं, कंपनी एक वार्ड चयनित करेगी और इस वार्ड का सुंदरीकरण करेगी। रांची नगर निगम इसके लिए कंपनी को कोई पैसा नहीं देगा। इसी तरह मैसर्स मोर माइलेज लघु शैवाल से थर्ड जेनरेशन बायो फ्यूल बनाएगी। कंपनी के पदाधिकारी ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा बायोफ्यूल बनाने के लिए अधिक मात्रा में शैवाल को विकसित करना जरूरी है। इसलिए शहर के सभी डैम और तालाब उसे दिए जाएं। इस पर विचार चल रहा है। कंपनी डैम व तालाबों में शैवाल विकसित करेगी। वहां जल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। जल भी साफ सुथरा होगा। इसके अलावा शैवाल के विकसित होने से उस क्षेत्र के वातावरण की वायु की गुणवत्ता भी सुधरेगी। शैवाल से विकसित बायोफ्यूल का उपयोग शहर के नागरिक अपने वाहनों में कर सकेंगे। इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। नगर आयुक्त ने दोनों कंपनियों के प्रस्ताव की सराहना की। जल्द ही अगली बैठक में दोनों प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। बुधवार को हुई इस बैठक में उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार, सहायक नगर आयुक्त शीतल कुमारी, सहायक लोक स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद शेखर झा, ग्रीन फाउंडेशन के प्रतिनिधि आशीष सचदेवा, मोर माइलेज के प्रतिनिधि विशाल प्रसाद आदि मौजूद थे।


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