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Jagannath Mishra Passes Away: झारखंड के नेताओं ने डॉ मिश्रा के निधन पर जताया शोक, चारा घोटाले के दो मामले में थे सजायाफ्ता

चारा घोटाले के दो मामलों के सजायाफ्ता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को नई दिल्‍ली में उनका निधन हो गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 07:45 PM (IST)
Jagannath Mishra Passes Away: झारखंड के नेताओं ने डॉ मिश्रा के निधन पर जताया शोक, चारा घोटाले के दो मामले में थे सजायाफ्ता
Jagannath Mishra Passes Away: झारखंड के नेताओं ने डॉ मिश्रा के निधन पर जताया शोक, चारा घोटाले के दो मामले में थे सजायाफ्ता

रांची, जेएनएन। चारा घोटाले के दो मामलों के सजायाफ्ता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को नई दिल्‍ली में उनका निधन हो गया है। उन्‍होंने द्वारका सेक्‍टर 4 के नीलांचल अपार्टमेंट के फ्लैट नं ए 402  में आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर से झारखंड के सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने ट्विटर पर अपने शोक संदेश में लिखा- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ मिश्र जी को शत-शत नमन। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे एवं दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति की कामना ईश्वर से की है।
कांग्रेस नेताओं ने डॉ मिश्रा के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी ने डॉ मिश्रा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि डॉक्टर साहब मेरे गुरु थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने शोक संवेदना में कहा कि जगन्नाथ मिश्र बिहार की राजनीति के एक पुरोधा थे। मुख्यमंत्री के रूप में जगन्नाथ मिश्र ने बिहार के विकास को एक नई दिशा दी और समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया। वे बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय थे, जो उनके निधन से समाप्त हो गया।

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राजनेता के साथ सामाजिक-आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ थे डॉ. जगन्नाथ : हरिवंश
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में उपसभापति ने कहा कि डॉ. मिश्र की खास पहचान यह थी कि वह राजनीति के साथ ही सामाजिक-आर्थिक मसलों के बड़े जानकार थे और निरंतर उस पर काम करते थे। पत्रकारिता के आरंभिक काल से ही डॉ. मिश्र से निजी संबंध रहा और उनकी अध्ययनशीलता, समझदारी और जानकारी को करीब से देखने का मौका मिला। डॉ. मिश्र ने बिहार के साथ हुए भेदभाव को विषय बनाते हुए आज से चार दशक पहले ही आवाज उठाना शुरू किया था। इस संदर्भ में उन्होंने एक तर्कयुक्त-तथ्यगत पुस्तिका तैयार की थी, जो उस समय चर्चित हुई थी। डॉ. जगन्नाथ मिश्र का निधन बिहार की राजनीति को एक बड़ी क्षति और एक युग का भी अंत है।
प्रदेश जदयू नेताओं ने रखा मौन
प्रदेश जदयू ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पार्टी नेताओं ने सोमवार को कार्यालय में शोक के रूप में एक मिनट का मौन रखा। शोक व्यक्त करनेवालों में सह प्रभारी अरुण कुमार, कृष्णानंद मिश्रा, श्रवण कुमार, संजय सहाय, भगवान सिंह, जफर कमाल आदि शामिल थे।
इन राजनीतिज्ञों ने भी जताया शोक
बिहार के कद्दावर नेता जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं। अपने राजनैतिक जीवन काल में स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्र तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बिहार की राजनीति में उनका गहरा प्रभाव था। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दुख की इस घड़ी में स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्र के परिजनों को सहनशक्ति प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्राप्त हो। -शिबू सोरेन, झामुमो सुप्रीमो।
बिहार की राजनीति की गहरी समझ रखने वाले जगन्नाथ मिश्र अपने राजनीतिक जीवन काल में तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। जगन्नाथ मिश्र शिक्षण के क्षेत्र में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में जाने जाते थे। दिवंगत आत्मा की शांति एवं स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्र के परिजनों को दु:ख के इस घड़ी में सहनशक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। -हेमंत सोरेन, कार्यकारी अध्यक्ष, झामुमो।
डॉ. जगन्नाथ मिश्र का निधन दुखी करने वाला समाचार है। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। -दिनेश उरांव, अध्यक्ष, झारखंड विधानसभा।
डॉ. जगन्नाथ मिश्र बिहार की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे, जिनका बिहार की राजनीति में लगभग दो दशकों तक वर्चस्व रहा। झारखंड बनने के पहले लगभग बीस साल तक बिहार की विधानसभा में हम लोग साथ-साथ रहे। मैं भूल नहीं पाया हूं कि जब उन्होंने मीडिया पर अंकुश लगाने का बिल पास कराया था, तो पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर उसका कस कर विरोध किया जिसके चलते बिहार के राजनीतिक इतिहास में पहली बार 86 विधायकों को मार्शल आउट किया गया जिसमें स्व. कर्पूरी ठाकुर सहित हम सभी लोग शामिल थे। वे दिल के एक संवेदनशील व्यक्ति थे और विरोध के बाद भी उनमें बदले की भावना नहीं आती थी। डॉ. मिश्र झारखंड में भी लंबे समय तक याद किए जाएंगे।  -इंदर सिंह नामधारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष।

अप्रैल में आए थे झारखंड, रांची की निचली अदालत में हुए थे पेश
डॉ जगन्‍नाथ मिश्रा चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में पेशी के लिए अप्रैल महीने में रांची आए थे। इस दौरान अदालत ने उनकी खराब सेहत को देखते हुए उन्‍हें जमानत दे दी थी। डॉ मिश्रा चारा घोटाले के झारखंड से जुड़े कुल पांच मामलों में अभियुक्‍त बनाए गए थे। इनमें से दो मामलों में उन्‍हें बरी कर दिया गया था। जबकि दो मामलों में उन्‍हें सजा हुई थी। डोरंडा कोषागार से जुड़ा एक मामले में वे अब भी ट्रायल फेस कर रहे थे। डाॅ मिश्रा पर चारा घोटाले के भागलपुर ट्रेजरी से जुड़ा हुआ मामला पटना की अदालत में भी चल रहा है। जगन्नाथ मिश्र के वकील राकेश झा ने कहा कि केस को लेकर पिछ्ले माह ही उनका फ़ोन आया था।

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