Jharkhand News: हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, अब कलेक्टर के कंट्रोल में होंगे तमाम अस्पताल
Jharkhand News झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को छोड़कर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल अब संबंधित जिलों के डीसी के जिम्मे कर दिया गया है। सरकार ने रिम्स रांची को छोड़कर राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों-अस्पतालों को अब उपायुक्तों के प्रशासनिक नियंत्रण में दे दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने रिम्स, रांची को छोड़कर राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों को अब उपायुक्तों के प्रशासनिक नियंत्रण में दे दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 तथा झारखंड महामारी अधिनियम, 2020 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार ने विशेष परिस्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया है। गुरुवार को विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इसमें उल्लेख है कि बेहतर समन्वय एवं प्रबंधन के साथ कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह निर्णय किया गया है।
चिकित्सकों को करनी होगी ड्यूटी, जरूरत पड़ने पर करेंगे कार्रवाई
विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने चिकित्सकों से अपनी ड्यूटी ईमानदारी पूर्वक निभाने की अपील की है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि चिकित्सक कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोई चिकित्सक अपनी ड्यूटी से भागेंगे तो सरकार उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई से भी नहीं हिचकिचाएगी। इसी कड़ी में पलामू के सिविल सर्जन को निलंबित करने की तैयारी चल रही है।
उन्होंने कहा कि जो चिकित्सक या पारा मेडिकल कर्मी अपनी सेवा का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करेंगे सरकार उन्हें सम्मानित भी करेगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि वे शीघ्र ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चिकित्सकों से परामर्श लेंगे। सरकार वृद्धि चिकित्सकों से भी सेवा लेगी ताकि वे मरीजों को ऑनलाइन परामर्श दे सकें। उन्होंने उन निजी अस्पतालों व दवा प्रतिष्ठानों को भी हिदायत दी है कि वे आपदा को अवसर की बजाय सेवा को अवसर बनाएं। यदि आपदा को अवसर बनाने का प्रयास करेंगे तो सरकार छोड़ेगी भी नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार संक्रमण को रोकने के लिए अधिक से अधिक कोरोना जांच पर जोर देगी। इसी कड़ी मेें गुरुवार को विशेष रैपिड एंटीजन जांच अभियान चलाया गया। इस तरह का अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में जांच की रफ्तार बढ़ी है। बैकलॉग 39 हजार से घटकर अब 22 हजार पर आ गए हैं। उन्होंने मरीजों से पैनिक नहीं होने की अपील भी की है।
केंद्र से आएंगे 15 हजार रेमडेसिविर
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अबतक साढ़े बारह हजार रेमडेसिविर आ चुके हैं। 15 हजार और आनेवाली है। वहीं, एक लाख रेमडेसिविर का कार्यादेश जारी होनेवाला है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से रेमडेसिविर आयात करने की अनुमति अभी भारत सरकार से नहीं मिली है।