Move to Jagran APP

RSS Sangh Samagam: भाउराव देवरस की प्रेरणा से झारखंड में शुरू हुए संघ के अनुषांगिक संगठन

RSS Sangh Samagam एकल अभियान वनवासी कल्याण केंद्र विद्या भारती अभाविप विहिप आरोग्य भारती हिंदू जागरण मंच धर्म जागरण समन्वय सेवा भारती भारतीय मजदूर संघ कार्यरत हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 12:50 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 12:50 PM (IST)
RSS Sangh Samagam: भाउराव देवरस की प्रेरणा से झारखंड में शुरू हुए संघ के अनुषांगिक संगठन
RSS Sangh Samagam: भाउराव देवरस की प्रेरणा से झारखंड में शुरू हुए संघ के अनुषांगिक संगठन

रांची, जासं। भाउराव देवसर 1960 में बिहार के क्षेत्र प्रचारक बने। उस समय उत्तर प्रदेश भी साथ ही में था। उन्होंने आदिवासी इलाकों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अनुषांगिक संगठनों का काम शुरू करने पर जोर दिया। उन्हीं के प्रयास से वनवासी कल्याण केंद्र व एकल विद्यालय का काम झारखंड में प्रारंभ हुआ। 1967 के बाद इस इलाके में संघ के अनुषांगिक संगठनों का काम प्रारंभ हो गया था। सबसे पहले अभाविप एवं जनसंघ का काम शुरू हुआ। 1991-92 में विविध संगठनों का काम पूरे प्रदेश में फैला। वर्तमान समय में सेवा भारती, भारतीय मजदूर संघ, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, आरोग्य भारतीय, धर्म जागरण समन्वय, मेडिको आदि का काम पूरे झारखंड में फैला है।

loksabha election banner

विद्या भारती

विद्या भारती अखिल विज्ञान एवं प्रयोग के बीच आधुनिकता की ओर बढ़ रहे समाज में नैतिकता के साथ-साथ संस्कार युक्त शिक्षा देने को प्रतिबद्ध है। 1970 में सबसे पहले सरस्वती शिशु मंदिर धुर्वा की स्थापना की गई थी। उसके बाद धीरे-धीरे इस इलाके में स्कूलों की संख्या बढ़ती गई और आज विद्या विकास समिति-120, वनांचल शिक्षा समिति-126 तथा जनजातीय शिक्षा समिति-9 औपचारिक तथा सैकड़ों अनौपचारिक विद्यालय चला रही है। इसके अलावे 680 सरस्वती शिक्षा केंद्र तथा 300 संस्कार केंद्र भी संचालित किए जा रहे है। 5000 महिला/पुरुष आचार्य के मार्गदर्शन में करीब डेढ़ लाख भैया-बहन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन स्कूलों में ईसाई व मुस्लिम समुदाय से हजारों की संख्या में बच्चे तथा कई आचार्य भी यहां है।

वनवासी कल्याण केंद्र

भाउराव के प्रेरणा से ही लोहरदगा में 27 मई 1969 को वनवासी कल्याण आश्रम की प्रांतीय इकाई वनवासी कल्याण केंद्र की स्थापना एक चिकित्सा केंद्र के रूप में हुई। इस संस्था का उद्देश्य वनवासियों की धर्म-संस्कृति व परंपरा की रक्षा करते हुए इनका सर्वांगीण विकास करना है। दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचारक श्रीशंकर तिवारी ने वनवासी क्षेत्र के कार्य विस्तार पर पूरा ध्यान दिया। वर्तमान समय में झारखंड के 23 जिलों के 1526 स्थानों पर 2594 प्रकल्पों के साथ संस्था काम कर रही है। संस्था की ओर से 400 एकल विद्यालय चलाये जा रहे हैं। जिसमें लगभग 12,000 बच्चे संस्कारयुक्त शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

सरस्‍वती शिशु मंदिर

अत्यंत पिछड़े एवं वन क्षेत्रों में औपचारिक शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु 108 प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर के नाम से चल रहे हैं। जिनमें लगभग 19,223 बच्चे अध्ययनरत है। इन विद्यालयों में 703 आचार्य पढ़ा रहे हैं।  22 छात्रावासों में 510 छात्र और 245 छात्राएं रहकर पढ़ रही हैं। 266 खेलकूद केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में, आरोग्य प्रकल्प के अंतर्गत एक अस्पताल, 8 चिकित्सा केंद्र चल रहे हैं। इसके अलावे ग्राम विकास एवं महिला सशक्तीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है।

एकल अभियान

भाउराव देवरस की प्रेरणा से ही एकल विद्यालय की स्थापना 1989 में धनबाद के टुंडी में की गई थी। इस संस्था का उद्देश्य गरीब बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा दिलाना है। आज पूरे देश में एक लाख से अधिक एकल विद्यालय चल रहे हैं। वहीं झारखंड में 8000 से अधिक एकल विद्यालय हैं। इसके साथ ही यह संस्था ग्राम विकास, ग्राम स्वराज, संस्कार, स्वास्थ्य आदि विषयों पर भी काम कर रही है। समाज के सहयोग से ही यह संस्था चलती है।

भारतीय मजदूर संघ

भारतीय मजदूर संघ का काम 1969 में रांची दुकान कर्मचारी संघ के नाम से शुरू हो गया था। उसके बाद एचईसी में यूनियन ने काम करना शुरू किया। आज सीसीएल, सीएमपीडीआइ, बीसीसीएल, एसीसी सीमेंट सहित झारखंड के कई कंपनियों एवं सरकारी कर्मचारियों के बीच यह संस्था काम कर रही है। 

सेवा भारती

1997 में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा देने के लिए सेवा भारती की स्थापना की गई थी। आज रांची में 80 से अधिक बाल संस्कार केंद्र चल रहे हैं। पूरे राज्य में 112 शिक्षा के प्रकल्प, 175 स्वयं सहायता समूह, चार स्वास्थ्य आदि के केंद्र चलाए जा रहे हैं। यह संस्था पूरी तरह समाज के सहयोग से चल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.