Move to Jagran APP

विवादों में पलामू का बेतला टाइगर रिजर्व, रेंज के बीच में दीवार खड़ी करने पर उठ रहे सवाल

Betla Tiger Reserve Palamu Samachar बेतला रेंज के भाग-1 और भाग-2 के बीच वन विभाग दीवार खड़ी कर रहा है। रेलवे की तीसरी लाइन पर भी जिच है। इसे लेकर विधायक सरयू राय ने भी सवाल उठाया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 12:56 PM (IST)
विवादों में पलामू का बेतला टाइगर रिजर्व, रेंज के बीच में दीवार खड़ी करने पर उठ रहे सवाल
Betla Tiger Reserve, Palamu Samachar रेलवे की तीसरी लाइन पर भी जिच है।

रांची, राज्य ब्यूराे। पलामू टाइगर रिजर्व एक बार फिर विवादों में है। इस बार सवाल टाइगर रिजर्व के बीच से लगाई जा रही दीवार को लेकर उठाया गया है। विधायक सरयू राय द्वारा दीवार को लेकर उठाए गए सवाल पर अब तक विभागीय स्तर पर स्थिति नहीं स्पष्ट की गई लेकिन यह पूरा प्रकरण जांच के दायरे में अवश्य आएगा, इसमें कतई संदेह नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत की है। पिछले दिनों कैंपा के एपीसीसीएफ और पलामू व्याघ्र परियोजना के क्षेत्र निदेशक का तबादला भी किया गया है।

loksabha election banner

इसे इसी शिकायत से जोड़कर देखा जा रहा है। दीवार का निर्माण कैंपा फंड से ही किया जा रहा है। बता दें कि पलामू टाइगर रिजर्व के डाल्टनगंज-महुआडांड राज्य उच्च पथ से लगे बेतला रेंज के भाग-1 और भाग-2 के बीच वन विभाग द्वारा एक लंबी दीवार खड़ी की जा रही है। इसे लेकर विधायक सरयू राय ने सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ का तो नामोनिशान नहीं है, लेकिन हाथी, गौर, चीतल आदि अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति यहां दर्ज की गई है।

इनका भ्रमण बेतला भाग-1 से भाग-2 के बीच होता रहता है। वन विभाग द्वारा खड़ी की जा रही लंबी दीवार के कारण यह भ्रमण रुक जाएगा और वन्यजीवों तथा मनुष्य के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ जाएगी। यह भी कहा था कि वन संरक्षण अधिनियम-1980 अथवा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दीवार खड़ी करके वनों एवं वन्यजीवों का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कैंपा फंड के दुरुपयोग पर भी सवाल उठाए थे और मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा था कि वन संरक्षण विरोधी एवं वन्यजीव संरक्षण विरोधी उपर्युक्त कार्रवाई को तत्काल स्थगित किया जाए और इसकी स्वीकृति देने वालों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।

रेलवे की तीसरी लाइन पर भी विवाद

रेलवे ने पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पहले से दोहरी लाइन के समानांतर तीसरी लाइन का प्रस्ताव तैयार किया है। इसका भी विरोध हो रहा है। मांग की जा रही है कि नई रेल लाइन कोर एरिया से बाहर बनाई जाए। इसे लेकर रेलवे और वन विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठकों में भी निर्णय नहीं हो पाया है। रेल लाइन की चपेट में अक्सर जानवर आ जाते हैं। इससे उनके रहन-सहन और व्यवहार में भी बदलाव देखा गया है। पलामू टाइगर रिजर्व देश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है। यहां पहली बार 1932 में गणना कराई गई थी। उस समय बाघों की संख्या काफी थी। वर्ष 2004 में यहां बाघों की संख्या 38 बताई जाती है। फिलहाल टाइगर रिजर्व में बाघ नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.