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विधायकों के बिगड़े बोल पर भड़के अफसरों ने चेताया, अपमानजनक बातें हमें बर्दाश्‍त नहीं...

Jharkhand Administrative Service झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की अपात बैठक में निर्णय लिया गया कि विधायकों अथवा जनप्रतिनिधियों के स्तर से अपमानजनक बातें हुईं तो अधिकारी ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे। अधिकारी खास तौर पर दुमका विधायक बसंत सोरेन और मांडर के विधायक बंधु तिर्की के बयान से आहत हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 05:09 AM (IST)
विधायकों के बिगड़े बोल पर भड़के अफसरों ने चेताया, अपमानजनक बातें हमें बर्दाश्‍त नहीं...
Jharkhand Administrative Service दुमका विधायक बसंत सोरेन, मांडर विधायक बंधु तिर्की के बयान से प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आहत हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Administrative Service झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की अपात बैठक में रविवार को निर्णय लिया गया कि विधायकों अथवा जनप्रतिनिधियों के स्तर से अपमानजनक बातें हुईं तो अधिकारी ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे। अधिकारी खास तौर पर दुमका विधायक बसंत सोरेन और मांडर के विधायक बंधु तिर्की के बयान से आहत हैं। संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आगे ऐसा किया गया तो राज्य के सभी अफसर ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे।

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संघ की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने कहा कि अधिकारियों ने सर्वसम्मति से अपमानजनक टिप्पणियों की भर्त्‍सना की है। संघ ने सभी जन प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे ऐसी भाषा से परहेज करें, जिससे पदाधिकारियों का मनोबल टूटे और वे अपमानित महसूस करें। संघ ने कहा है कि भविष्य में ऐसे बयान देनेवाले जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा।

यह तब तक किया जाएगा जब तक जन प्रतिनिधि अपने बयान पर खेद ना प्रकट कर दें।  संघ ने मंत्रिमंडल निगरानी विभाग से मांग की है कि वे जन प्रतिनिधियों के लिए भी पदाधिकारियों के साथ किए जानेवाले व्यवहार के संबंध में दिशानिर्देश जारी करें। इंटरनेट पर अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी पर संज्ञान लेकर मुकदमे दर्ज करने और अंचल कार्यालयों में अंचल गार्ड उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

इसके साथ ही प्रोन्नत अधिकारियों को उच्च पदों पर पदस्थापित करने की भी मांग की गई है। 13 सूत्री मांग पत्र में संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के पूर्व उनका पक्ष जान लेना चाहिए। हाल में कांके सीओ को बिना स्पष्टीकरण के निलंबित कर दिया गया है।


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