बैंक के बकायेदारों पर कसेगा शिकंजा, सरफेसी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
सरफेसी अधिनियम न्यायालय की पहल के बगैर वसूली का अधिकार देता है। अधिनियम के प्रावधान सिर्फ एक लाख से अधिक बकाये वाले गैर निष्पादक ऋणों के लिए ही लागू हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। बैंक से कर्ज लेकर न चुकाने वालों की लंबी होती फेहरिश्त को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। ऐसे सभी बकायेदारों पर सरफेसी एक्ट के तहत शिकंजा कसा जाएगा। फिलहाल, वित्त विभाग ने 152 मामलों में विभिन्न जिलों के उपायुक्तों को इस एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
झारखंड में बैंकों का एनपीए रिकार्ड स्तर 5223 करोड़ (6.10 प्रतिशत) तक बढ़ गया है। हाल में हुई झारखंड राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया था। बैंकों ने ऐसे सभी बकायेदार जिन पर सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया था।
सरफेसी एक्ट के तहत 486 केस लंबित हैं। हालांकि इस एक्ट के तहत पांच हजार से अधिक लोगों को नोटिस किया गया है। फिलहाल, राज्य सरकार के स्तर से 152 मामलों में बकायेदारों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। वर्ष 2011 से सितंबर 2017 तक के लंबित 152 मामलों में 300 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जानी है।
सरफेसी एक्ट के तहत बकाया की वसूली और संपत्ति जब्त करने का आदेश जिले के उपायुक्त के स्तर से दिया जाता है। इतना ही नहीं इसके लिए बकायदा मजिस्ट्रेट की नियुक्त भी की जाती है।
जानें, क्या है सरफेसी एक्ट
सरफेसी अधिनियम न्यायालय की पहल के बगैर वसूली का अधिकार देता है। अधिनियम के प्रावधान सिर्फ एक लाख से अधिक बकाये वाले गैर निष्पादक ऋणों के लिए ही लागू हैं।
जानें, जिलावार कहां कितने मामले हैं लंबित
-बोकारो : 71
-देवघर : 1
-धनबाद : 23
-पूर्वी सिंहभूम : 7
-गिरिडीह :
-हजारीबाग : 8
-जमशेदपुर : 10
-खूंटी : 1
-लोहरदगा : 5
-पलामू : 2
-रामगढ़ : 3
-रांची : 15
-सरायकेला : 4
-सिमडेगा : 2
-पुरुलिया : 1