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बांग्लादेश से भटककर भारत में घुसा नाबालिग, जानें कैसे पहुंचा झारखंड

Bangladesh Immigration. बांग्‍लादेश के बागेरहाट चितोलमढ़ी थाना के बारासिया गांव का रहने वाला नाबालिग ट्रक में बैठकर भारत आ गया। अभी वह खूंटी के कल्याण समिति के संरक्षण में है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 12:56 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 05:42 PM (IST)
बांग्लादेश से भटककर भारत में घुसा नाबालिग, जानें कैसे पहुंचा झारखंड
बांग्लादेश से भटककर भारत में घुसा नाबालिग, जानें कैसे पहुंचा झारखंड

रांची, राज्य ब्यूरो। बांग्लादेश से भटककर एक 16 साल का नाबालिग भारत में घुस गया। भारत में भी जहां-तहां भटकते हुए अब वह खूंटी पहुंच गया है। खूंटी में उसे बाल कल्याण समित के संरक्षण में रखा गया है। उसने वापस बांग्लादेश जाने की इच्छा जताई है। चाइल्ड लाइन की पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि वह बांग्लादेश के बागेरहाट जिले के चितोलमढ़ी थाना क्षेत्र के बारासिया गांव का रहने वाला है। करीब चार महीने पहले वह अपने गांव से ढाका चला गया। वहां एक राशन दुकान में एक महीने तक काम किया, जिसके एवज में उसे दुकानदार ने 5000 टका दिया।

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ढाका से वह बस से जोसोर बैनाफूल (भारत-बांग्लादेश सीमा) पर आ गया। वहां एक ट्रक ड्राइवर की मदद से बार्डर पार कर कोलकाता आ गया। कोलकाता से वह सियालदह रेलवे स्टेशन पहुंचा और फिर हावड़ा रेलवे स्टेशन आ गया। हावड़ा से कानपुर चला गया इसके बाद दिल्ली पहुंच गया। दिल्ली से दूसरे ही दिन मुंबई वाली ट्रेन से मुंबई चला गया। वहां एक दिन स्टेशन पर ही रहा। मुंबई में एक दिन रहने के बाद ओडिशा चला गया। ओडिशा से बिहार वाली ट्रेन से आरा और दौलतपुर गांव पहुंचा।

धनबाद में टिकट चेकिंग में पकड़ाया
नाबालिग ने बताया कि आरा से ट्रेन से जा रहा था कि धनबाद रेलवे स्टेशन पर टीटी ने पकड़ लिया। टीटी ने उसे धनबाद चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। धनबाद में एक हाॅस्टल में चार दिन रखा गया। इसके बाद उसे बोकारो में सहयोग विलेज आश्रम में रखा गया।

सहयोग विलेज की दीवार फांदकर भागा
नाबालिग ने बताया कि बोकारो के सहयोग विलेज आश्रम में वह एक महीने 25 दिन तक रहा। वहां बाहर घूमने नहीं दिया जा रहा था, इसलिए मन नहीं लग रहा था। वह आश्रम के दो अन्य लड़कों के साथ 20 फरवरी को आश्रम की दीवार फांदकर भाग गया। पैदल ही बोकारो स्टेशन पहुंचा, जहां से रात को ट्रेन पकड़कर रांची आ गया। रांची से एक लड़का ओडिशा वाली ट्रेन से चला गया। बांग्लादेशी नाबालिग व एक अन्य लड़का स्टेशन पर ही सो गए। सुबह वहां की एक लेडी पुलिस से खूंटी की ट्रेन के बारे में जानकारी मांगी तो उसने दोनों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। चाइल्ड लाइन ने भी एक आश्रम में पहुंचा दिया। वहां एक रात रहे।

रांची से भागकर खूंटी पहुंचा
नाबालिग ने बताया कि 23 फरवरी की रात दोनों लड़के रांची स्थित उक्त आश्रम से भी भाग गए। वहां से दोनों खूंटी पहुंच गए। वहां एक पुलिस वाले से उन्होंने रेलवे स्टेशन के बारे में पूछा। इसपर पुलिस वाले ने कहा कि खूंटी में स्टेशन नहीं है। तब दोनों ने वहां के आश्रम के बारे में जानकारी मांगी और कहा कि सुना है, खूंटी में बड़ा आश्रम है। इसके बाद पुलिस वाले ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी और फिर दोनों चाइल्ड लाइन के संरक्षण में ले लिए गए। बांग्लादेशी नाबालिग ने बताया कि वह वापस बांग्लादेश जाना चाहता है।


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