एसीबी पहुंचे पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, कहा मैं निर्दोष हूं
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में फंसे राज्य के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की एसीबी पहुंचकर बोले, वह निर्दोष हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में फंसे राज्य के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की निर्धारित तिथि पर बुधवार को एसीबी पहुंचे और अपना लिखित जवाब दिया। तिर्की से एसीबी के एसपी से लेकर अनुसंधान पदाधिकारी तक के बोर्ड ने लंबी पूछताछ भी की।
बुधवार की सुबह 11 बजे से एक बजे तक बंधु तिर्की एसीबी के पदाधिकारियों की पूछताछ में शामिल हुए। उनसे पूछा गया कि उस वक्त जो भी क्रय किया गया है, उसमें वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, धनबाद में स्क्वैश कोर्ट निर्माण में भी घोटाला हुआ है।
इसपर बंधु तिर्की ने बताया कि उपकरणों के क्रय के लिए क्रय समिति बनी थी और स्क्वैश कोर्ट निर्माण के लिए टेंडर समिति बनी हुई थी। सरकार की अनुशंसा पर इन्हीं दोनों समितियों को पूरा प्लान तैयार करना था। उनकी भूमिका यही थी कि उन्होंने फाइल को अनुमोदित किया। इसमें उनकी कोई व्यक्तिगत रूचि नहीं थी। उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है। वे निर्दोष हैं।
उन्होंने उस वक्त जो भी किया अधिकार से किया है। अब एसीबी पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के जवाब की समीक्षा करेगी। समीक्षा में जो भी बातें स्पष्ट होंगी, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
एसीबी ने बंधु तिर्की को नोटिस जारी कर 20 फरवरी तक अपना पक्ष रखने को कहा था। पूर्व मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की। स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गई थी। कंपनी ने 14432850 रुपये का एस्टीमेट दिया था।
इस प्रस्ताव पर आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गई थी। इस फाइल को तत्कालीन मंत्री बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर 2008 को अनुमोदित कर दिया था। इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी।