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Tablighi Jamaat: तब्‍लीगी जमात के 17 विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका दूसरी बार भी खारिज

Tablighi Jamaat. न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने बेल याचिका खारिज की। कहा कि विदेशी तब्लीगियों पर लगी धाराएं संज्ञेय अपराधी वाली है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 04:10 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 04:17 PM (IST)
Tablighi Jamaat: तब्‍लीगी जमात के 17 विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका दूसरी बार भी खारिज
Tablighi Jamaat: तब्‍लीगी जमात के 17 विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका दूसरी बार भी खारिज

रांची, जासं। रांची के होटवार जेल में बंद तब्‍लीगी जमात के 17 विदेशियों को ऊपरी अदालत से भी राहत नहीं मिली है। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने चार महिला सहित 17 विदेशियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। आरोपितों के खिलाफ हिंदपीढ़ी थाना में आइपीसी की धारा 188, 269, 270, 271, एपिडेमिक डिजीज एक्ट की सेक्शन बी, द फॉरेन एक्ट 1946 की धारा 13/14 (बी)-(सी) और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट  के तहत केस दर्ज किया गया है। फॉरेन एक्ट लगे होने के कारण अदालत ने विदेशी नागरिकों को जमानत देने से मना कर दिया। पीपी ने कहा कि दोष सिद्ध हुआ तो वीजा उल्‍लंघन में 5 साल तक की सजा मिल सकती है। आज सुनवाई के दौरान 30 मिनट बहस हुई। इससे पूर्व 12 मई को सीजेएम फहीम किरवानी की अदालत से इनकी जमानत याचिका खारिज हुई थी।

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30 मार्च को बड़ी मस्जिद और मदीना मस्जिद से किए गए थे गिरफ्तार

रांची पुलिस ने 30 मार्च को हिंदपीढ़ी के बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में छिपे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों एवं एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस टीम ने सभी को मेडिकल निगरानी के लिए क्वारंटाइन करते हुए खेलगांव स्थित आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया था।

क्या है विदेशियों पर आरोप

आरोपित टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। यहां आकर धर्म प्रचार कर रहे थे। आरोप है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। पूरे शहर में धारा 144 लागू था। सार्वजनिक रूप से इसका प्रचार किया गया था। इसके बावजूद विदेशी नागरिक सरकार के आदेश का उल्लंघन कर धर्म प्रचार में लगे थे। लोगों को एकत्र किया जा रहा था।

इनका बेल हुआ रिजेक्ट

लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो. सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती, नूर रशीदा बिनती, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक एवं मो. अजीम।


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