बाबूलाल बोले- ईवीएम पर भरोसा नहीं, आगामी चुनाव बैलेट पेपर से हो
Babulal Marandi. पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ईवीएम के विरोध में चल रहे देशव्यापी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ईवीएम के विरोध में चल रहे देशव्यापी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सोमवार को आयोजित पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि बैठक में इस पर सहमति बनी है। उनके अनुसार, ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है। पार्टी को ईवीएम पर भरोसा नहीं है। इसलिए आगामी चुनाव बैलेट पेपर से हो।
रांची में सोमवार को केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाग लेते झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी व अन्य।
बाबूलाल ने कहा कि ईवीएम, वीवीपैट में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी दलों ने भारत निर्वाचन आयोग से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गुहार लगाई थी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। लोकसभा चुनाव के नतीजे पर उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से जनादेश का सम्मान करने का निर्णय लिया गया। निश्चित रूप से पार्टी को अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं मिला। यह चिंता का विषय है। इस पर बैठक में मंथन हुआ है।
अब कोडरमा तथा गोड्डा में माइक्रो स्तर पर हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। एक-एक बूथ की समीक्षा होगी कि कहां चूक हुई। उन्होंने कहा कि हार का कोई एक कारण नहीं हो सकता। बाबूलाल ने बताया कि एक दिन पूर्व सभी पार्टी पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था। उन्हें कहा गया है कि नई व्यवस्था होने तक सभी अपने पद की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे। बैठक में विधायक प्रदीप यादव व प्रकाश राम शामिल नहीं हुए। मौके पर सबा अहमद, बंधु तिर्की, तौहीद आलम व रामचंद्र केशरी आदि उपस्थित थे।
काम करनेवाले नए लोगों की करेंगे भर्ती
बाबूलाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत बनाना है। इसके लिए पार्टी नए लोगों को भर्ती करेगी जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर उन्होंने कहा कि इसे लेकर कुछ सुझाव आए हैं। पार्टी इस पर उच्चस्तरीय बैठक कर निर्णय लेगी।
झारखंड को खोखला करनेवालों को भगाएंगे
उन्होंने कहा कि झारखंड को जो लोग खोखला कर रहे हैं उन्हें यहां से भगाने के लिए पार्टी किसी भी स्तर पर जाएगी। स्वयं विस चुनाव लडऩे के सवाल को वे टाल गए।
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