अर्जुन मुंडा बोले, अनुसंधान का दायरा व्यापक करे ट्राइबल काउंसिल
Jharkhand. केंद्रीय मंत्री ने जनजातीय समाज से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा के दौरान नसीहत दी। कहा कि राज्य सरकार समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए।
रांची, राज्य ब्यूरो। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंंडा ने ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीआरआइ) को अपने अनुसंधान का दायरा व्यापक करने की नसीहत दी है। शनिवार को रांची में झारखंड में चल रही केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि टीआरआइ अपने अनुसंधान का दायरा व्यापक करे, ताकि जनजातीय समाज के विकास में जो रिक्तता रह गई है, उसे भरा जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनजातीय विकास से जुड़े अधिकारियों का कार्य अन्य विभागों के अधिकारियों से अलग है। संविधान के अनुरूप जनजातीय समाज के अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक नियमित अंतराल पर करने पर जोर दिया। मुंडा ने कहा कि टीआरआइ अनुसंधान पर फोकस करते हुए योजनाएं बनाएं। केंद्र सरकार इसमें हर संभव मदद करेगी। जनजातीय मामलों से जुड़े सभी आंकड़ों का विश्लेषण करें।
विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका पर फोकस किया जाए। इससे नीति निर्धारण में मदद मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि वे अपने प्रस्ताव तथा उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें अधिक से अधिक केंद्रीय आवंटन दिया जा सके। इस मौके पर विभाग की सचिव हिमानी पांडेय ने केंद्र सरकार की योजनाओं पर चल रहे कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दिया।
उन्होंने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, स्किल डेवलपमेंट, आजीविका, टारगेटिंग द हार्डकोर पुअर परियोजना, बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल म्यूजियम, रामदयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर इंस्टीट्यूट, फॉरेस्ट राइट एक्ट तथा टे्रवल एडवाइजरी काउंसिल के कार्यों के बारे में जानकारी दी। यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे कार्यों के साथ नियमित रूप से उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भेजे जा रहे हैं।
बैठक में जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सौरभ जैन, संयुक्त सचिव नवल जीत कपूर, निदेशक राजेंद्र कुमार, रूपक चौधरी, अनिल कुमार तथा राज्य सरकार से विभागीय सचिव हिमानी पांडे के अलावा ट्राइबल वेलफेयर कमिश्नर शिशिर कुमार सिन्हा, टीआरआइ के निदेशक रणेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।