Jharkhand News: सीयूजे से एमबीए व एमटेक के लिए 27 तक करें आवेदन
सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड (सीयूजे) से एमबीए व एमटेक करने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। एमबीए व एमटेक कोर्सों में नामांकन के लिए आवेदन 27 जून तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए वेबसाइट-डब्ल्यूडबल्यूडब्ल्यू.सीयूजे.एसी.इन पर जाना होगा।
रांची, जासं । सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड (सीयूजे) से एमबीए व एमटेक करने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। एमबीए व एमटेक कोर्सों में नामांकन के लिए आवेदन 27 जून तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए वेबसाइट-डब्ल्यूडबल्यूडब्ल्यू.सीयूजे.एसी.इन पर जाना होगा। वैसे अभ्यर्थी जिनके पास कैट का वेलिड स्कोर कार्ड होगा वे एमबीए प्रोग्राम के लिए और जिनके पास गेट का स्कोर कार्ड होगा वे एमटेक प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन केवल आनलाइन ही होगा।
एमटेक नैनोटेक्नोलाॅजी, इनर्जी इंजीनियरिंग, वाटर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलाॅजी व ट्रांसपोर्ट साइंस एंड टेक्नोलाॅजी में किया जा सकता है। एमबीए में चार स्पेशलाइजेशन मार्केटिंग, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स व ऑपरेशन मैनेजमेंट पहले से हैं। इस सत्र (2021-22) से इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी में भी एमबीए शुरू किया गया है। यहां एमबीए में 66 सीटों पर नामांकन होता है।
फार्म भरने व नामांकन के लिए ये चाहिए
एमबीए व एमटेक के लिए आनलाइन आवेदन व नामांकन के समय कई तरह के डाक्यूमेंट की जरूरत है। छात्रों के पास पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, सेल्फ सिग्नेचर, 10वीं का अंकपत्र व उत्तीर्ण होने का सर्टिफिकेट, 12वीं व स्नातक का अंकपत्र चाहिए। इसके अलावा एमबीए के लिए कैट व एमटेक के लिए गेट का एडमिट कार्ड और स्कोर कार्ड की जरूरत होगी।
दो सेमेस्टर भी किए तो मिलेगा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट
स्कूल आफ मैनेजमेंट साइंस के डीन प्रो. भगवान सिंह ने बताया कि नए सत्र से एमबीए कोर्स न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत शुरू करने की कोशिश हो रही है। यह प्रक्रिया में है। सब ठीक ठाक रहा तो इसी सत्र से न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका फायदा यह होगा कि यदि कोई छात्र एक साल यानी दो सेमेस्टर तक ही पढ़ाई कर पाया तो उन्हें भी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसके अलावा स्किल डेवलेपमेंट से संबंधित कोर्स को शामिल किया जाएगा। इसके तहत इंटरनेट मीडिया स्पेशलाइजेशन सहित कई अन्य होंगे। इससे छात्र-छात्राओं को रोजगार मिलना आसान हो जाएगा और नई शिक्षा नीति का उद्देश्य पूरा हो जाएगा।