संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख ने कहा, आरएसएस के शताब्दी वर्ष तक सभी गांवों तक पहुंचाना है संघ कार्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक आज सभी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। सह प्रचारक प्रमुख अद्वैत चरण दत्त के कहा कि शताब्दी वर्ष तक संघ का काम सभी गांव तक पहुंचाना है। इसके लिए काम करें।
जागरण संवाददाता, रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक आज सभी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। चाहे वह राजनीति हो या शिक्षा, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या सेवा का। कहा ही जाता है कि संघ कुछ करेगा नहीं और स्वयंसेवक कुछ छोड़ेगा नहीं। इसी कार्य के बल पर भारत आगे बढ़ते हुए फिर से विश्व गुरु बनेगा। आरएसएस का शताब्दी वर्ष मनाने के लिए स्वयंसेवकों में उत्साह है और उस समय तक देश के सभी गांवों तक संघ कार्य को पहुंचा देना है। उक्त बातें आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्धैत चरण दत्त ने कही। वे रविवार को रांची महानगर के एकत्रीकरण में उपस्थित एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1925 ई. में संघ की स्थापना के बाद 1940 ई. तक देश के सभी प्रांतों में संघ कार्य पहुंच गया था। एक समय था जब संघ का लोगों ने विरोध किया था। तीन बार झूठा आरोप लगाकर प्रतिबंध लगाया गया। इसके सहारे संघ को समाप्त करने की रणनीति बनाई गई परंतु स्वयंसेवकों के कार्यो के कारण आज परिस्थितियां बदली हुई है। आज लोग संघ से जुड़ना चाहते हैं। प्रति माह हजारों लोग ज्वाइनआरएसएस वेबसाइट के माध्यम से जुड़ रहे हैं। संघ की बातों को लोग सुनने के लिए तैयार हैं। दत्त ने कहा कि समाज में जो कुरीतियां है उसे दूर करने के लिए संघ काम कर रहा है। देश हमारी मां है और हम सभी भाई हैं, इस भाव को लेकर हम सभी समाज के बीच काम कर रहे हैं। इस मौके पर रांची विभाग सह संघचालक विवेक भसीन, महानगर संघचालक पवन मंत्री, प्रांत प्रचारक रविशंकर, विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू, महानगर कार्यवाह धनंजय सिंह, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख हरिनारायण, विधायक जीतू चरण राम सहित प्रांत, विभाग एवं महानगर के कई अधिकारी उपस्थित थे। मेरा गांव, मेरा तीर्थ के भाव को लेकर काम करना है
सह प्रचारक प्रमुख ने कहा, मेरा गांव, मेरा तीर्थ इस भाव को लेकर हमें काम करना है। स्वावलंबी समाज खड़ा करना है। देश में 2000 गांवों का चयन कर वहां जैविक खेती पर जोर देना है। वह गांव ऐसा हो जिसे लोग देखने के लिए पहुंचे। वह व्यसन मुक्त हो, सभी लोगों का मंदिरों में प्रवेश हो, सामाजिक समरसता का भाव बना रहे और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिले। इस पर संघ के स्वयंसेवक काम कर रहे हैं। इस काम में और तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने योग की चर्चा करते हुए कहा कि आज पूर्वोत्तर भारत के कई चर्चो में भी लोग स्वस्थ रहने के लिए योग कर रहे हैं।