नियुक्ति घोटाले में रिनपास के पूर्व निदेशक एके नाग को नहीं मिली जमानत
नियुक्ति घोटाला में कोर्ट ने रिनपास के पूर्व निदेशक सह तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके नाग की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जागरण संवाददाता, रांची। रिनपास नियुक्ति घोटाला में रिनपास के पूर्व निदेशक सह तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके नाग को एसीबी कोर्ट का झटका लगा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नंबर दो की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
एसीबी व बचाव की ओर से दलील सुनने के बाद बुधवार को जमानत पर सुनवाई पूरी की थी और फैसले के लिए गुरुवार की तिथि निर्धारित की थी। अदालत गुरुवार को फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी। डॉ. एके नाग 24 फरवरी से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं।
एसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सभी नियमों को ताक पर रखकर डॉ. नाग के दवा फर्म मेडिसनर फर्माटिकल्स, डॉ. नाग चैरिटी हॉस्पिटल कांके रोड से 20 लाख 70 हजार 38 रुपये के दवा की खरीदारी की गई। इसके अलावा नियमों को ताक पर रखकर ही डॉ. अमूल रंजन को सीनियर एकाउंट ऑफिसर और बलराम प्रसाद को दवा का प्रभारी बनाया।
मामले को लेकर सात सितंबर 2016 को एसीबी ने कांड संख्या 62/02 के तहत 14 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें झारखंड के दो पूर्व मंत्री सहित छह आरोपी जमानत पर हैं। पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू, राजेंद्र प्रसाद सिंह, लिपिक दिवाकर सिंह व अनिल कुमार साहू, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार सिंह, पुरुष नर्स सुरेंद्र कुमार रोहिला जमानत पर हैं। अन्य आरोपितों में पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी, पूर्व निदेशक डॉ. अमूल रंजन, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीषा किरण, डॉ. मसरूर जहां, डॉ. कप्तान सिंह सेंगर, डॉ. बलराम प्रसाद, लिपिक रंजन कुमार दास का नाम शामिल है।