Jharkhand Politics: 10 साल बाद RSS प्रचारक को झारखंड भाजपा की कमान, कौन हैं संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह
Jharkhand BJP झारखंड भाजपा में बदलाव हुआ है। दस साल बाद किसी संघ प्रचारक को यहां संगठन मंत्री बनाया गया है। बहुत खास रणनीति के तहत संघ प्रचारक को यहां मैदान में उतारा गया है। कर्मवीर सिंह यहां पार्टी को किस बुलंदी पर ले जाएंगे समय बताएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड भाजपा के नए संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। हाल ही में इन्हें भाजपा में उत्तरप्रदेश का सह संगठन मंत्री बनाया गया था। जबकि झारखंड से उत्तर प्रदेश भेजे गए धर्मपाल सिंह 2017 में भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे हैं। झारखंड भाजपा के संगठन की कमान दस साल के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक को दी जा रही है।
इसलिए संघ प्रचारक को मिली जिम्मेदारी
धर्मपाल सिंह से पहले संगठन मंत्री रहे राजेंद्र सिंह भी विद्यार्थी परिषद से ही भारतीय जनता पार्टी में भेजे गए थे। इनसे पहले संगठन मंत्री रहे रंजन पटेल, प्रसन्न मिश्रा संघ के प्रचारक रहे हैं। संघ के प्रचारक रहे संगठन मंत्री को कार्यकर्ताओं के साथ समाज के बीच भी काम करने का अनुभव होता है। जबकि विद्यार्थी परिषद से आए संगठन मंत्री अनुशासन के मामले में सख़्त होते हैं। परिषद से आए राजेंद्र सिंह के संगठन मंत्री रहते भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
आदिवासियों के बीच अब बढ़ाएंगे जनाधार
इसी तरह धर्मपाल सिंह के समय सरकार भले न बनी हो लेकिन पार्टी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई। धर्मपाल सिंह को राज्य में बड़े कार्यक्रमों के सफल आयोजन का भी श्रेय जाता है। संघ से आए संगठन मंत्री के समय भाजपा ने कई आदिवासी नेताओं को तैयार किया। सुदर्शन भगत, समीर उरांव, आशा लकड़ा जैसे भाजपा नेता उसी दौर में निकले। नए संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में जाट बहुल सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसे में वे अपने अनुभव से आदिवासी समाज के बीच पार्टी का जनाधार बढ़ाने की काम करेंगे।
कर्मवीर सिंह के सामने क्या होगी चुनौतियां
अगले कुछ महीनों में राज्य में निकाय चुनाव होने हैं। हालांकि ये चुनाव दलीय अधार पर नहीं होंगे लेकिन राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे। पिछले संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह के समय हुए नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार सफलता पाई थी। कर्मवीर सिंह के सामने इसे बरकरार रखने की चुनौती होगी। इसके अलावा नए साल में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार करना और संगठन को चुनाव में लगाने की भी चुनौती उनके सामने होगी।