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झारखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का कहर, रांची में 100 सुअरों की मौत के बाद दहशत, राज्यभर में अलर्ट जारी

African Swine Fever जानकारी के अनुसार झारखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत हो रही है। रांची के कुछ क्षेत्रों में अबतक 100 से अधिक सुअरों की मौत हो चुकी है। पशुपालन निदेशालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है। जांच के लिए सैंपल भेजा गया है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 08:56 PM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2022 08:58 PM (IST)
Jharkhand African Swine Fever: झारखंड की राजधानी रांची में 100 सुअरों की मौत हो गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। African Swine Fever In Jharkhand रांची के आसपास के क्षेत्रों में सुअरों की अचानक मौत हो रही है। अबतक 100 से अधिक सुअरों की मौत हो चुकी है। पशु चिकित्सक भी सुअरों की मौत के कारणों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण दिखे हैं। सौ से अधिक सुअरों की मौत होने के बाद पशुपालन निदेशालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी करते हुए आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है। साथ ही सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। उधर, झारखंड के सभी जिलों में यह पता लगाया जा रहा कि कहां कहां सुअरों की मौत हो रही है। उनमें किस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह भी कहा गया है कि सुअर पालने वाले अपने पशुओं पर ध्यान रखें, जैसे ही कोई लक्षण नजर आए, तुरंत पशुपालन विभाग को सूचना दें।

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भोपाल व कोलकाता भेजे गए जांच के लिए सैंपल

जानकारी के अनुसार, 40 से अधिक सुअरों की मौत रांची जिले के चान्हो, खलारी, मैकलुसकीगंज क्षेत्रों में हुई है, जबकि 70 सुअरों की मौत राज्य सरकार के कांके स्थित शुकर प्रजनन केंद्र में हुई है। पशुपालन निदेशक शशिरंजन झा के अनुसार, सुअरों की मौत की सूचना के बाद जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। पहले सुअरों के 15 सैंपल जांच के लिए कोलकाता स्थित क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजा गया था। वहां जांच की सुविधा नहीं होने के बाद वहां से सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सेक्यूरिटी एनिमल डिजीज, भोपाल को भेजे गए।

बीमारी का टीका न इलाज, जल्द मर जा रहे सुअर

वहीं, कांके स्थित पशु स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान के निदेशक डा. विपिन बिहारी महथा के अनुसार अज्ञात बीमारी से सुअरों की मृत्यु हुई है। इसका न तो टीका है न ही इलाज। लक्षण के आधार पर इलाज हाे रहा है। बकौल महथा, सुअरों की मौत में हाल के दिनों में कमी आई है। संस्थान के चिकित्सकों ने भी बीमारी के कारण की पहचान करने का प्रयास किया था, लेकिन पता नहीं चल पाया। जानवरों को बुखार के लक्षण मिलते हैं, खाना बंद कर देते हैं और जल्द ही मर जाते हैं। ऐसे में पशु फार्म के कर्मचारियों को सुअरों की देखभाल करते समय सभी एहतियाती उपाय करने के लिए कहा गया है। उनके अनुसार, इस बीमारी का मनुष्याें पर कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। उनके अनुसार, जब तक भोपाल से प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती तब तक बीमारी की पुष्टि नहीं हो सकती।


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