अब कस्तूरबा विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा से नामांकन, कम रिजल्ट पर शिक्षकों को शो-कॉज
Jharkhand. सरकार ने कस्तूरबा आवासीय स्कूलों का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर जिले में एक-एक स्कूल में ही साइंस कॉमर्स की पढ़ाई होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। चार हजार स्कूलों के पुनर्गठन के बाद राज्य सरकार अब कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों का पुनर्गठन करेगी। इसके तहत एक कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में इंटरमीडिएट के तीनों संकाय साइंस, कॉमर्स तथा आट्र्स की पढ़ाई के बजाय छात्राओं की संख्या के आधार पर किसी खास कस्तूरबा स्कूलों में ही साइंस या कॉमर्स की पढ़ाई होगी। प्रत्येक जिले में महज एक-एक ही ऐसे स्कूल होंगे, जिनमें एक में साइंस तथा दूसरे में कॉमर्स की पढ़ाई होगी। बाकी सभी स्कूलों में सिर्फ आट्र्स की पढ़ाई होगी।
मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता वाली समग्र शिक्षा अभियान की राज्य कार्यकारिणी समिति की हुई बैठक में इसपर सहमति बनी है। दरअसल, समीक्षा में यह बात सामने आई है कि कई कस्तूरबा स्कूलों में साइंस व कॉमर्स में बहुत कम छात्राएं हैं। राज्य के 203 ऐसे स्कूलों में महज एक हजार छात्राएं इंटरमीडिएट साइंस में पढ़ रही हैं, जिनमें 400 सिर्फ पलामू जिले में हैं। ऐसे में बाकी 23 जिलों में प्रत्येक स्कूलों में दो से पांच छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं, जबकि इन्हें पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं पर बड़ी राशि खर्च होती है।
कॉमर्स में तो पूरे राज्य में महज 400 छात्राएं हैं। अब इन छात्राओं को जिले के चयनित किसी खास स्कूल में हस्तांतरित किया जाएगा ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके। कस्तूरबा स्कूलों में अब प्रवेश परीक्षा से नामांकन का भी निर्णय लिया गया है। यह प्रवेश परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल आयोजित करेगा। इधर, राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कस्तूरबा स्कूलों में शिक्षिकाओं की तरह छात्राओं की बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाने को अनिवार्य किए जाने का निर्णय लिया गया।
राज्य स्तर पर एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा, जहां से इसकी मॉनीटरिंग होगी। बैठक में इन स्कूलों के मैट्रिक व इंटरमीडिएट के रिजल्ट की स्थिति की भी समीक्षा हुई। इसमें निर्देश दिया गया कि जिन स्कूलों में 50 फीसद से कम रिजल्ट हुआ है, उनके शिक्षकों को शो-कॉज जारी कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए जिम्मेदार डीईओ, डीएसई, एडीपीओ, वार्डेन के विरुद्ध भी यही कार्रवाई की जाएगी।
बीआरपी-सीआरपी का बढ़ा मानदेय व परिवहन भत्ता
राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) तथा संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) को 25 फीसद मानदेय तथा परिवहन भत्ता बढ़ाने पर भी सहमति बनी। बीआरपी को अब परिवहन भत्ता के रूप में प्रतिमाह 900 रुपये के बदले 1200 तथा सीआरपी को 700 रुपये के बदले 1000 रुपये मिलेंगे।