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एसिड अटैक मामले में रिम्स निदेशक व थाना प्रभारी को समन

रांची : एसिड अटैक मामले में निचली अदालत ने रिम्स निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव, रिम्स के डॉक्ट

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 09:31 AM (IST)
एसिड अटैक मामले में रिम्स निदेशक व थाना प्रभारी को समन
एसिड अटैक मामले में रिम्स निदेशक व थाना प्रभारी को समन

रांची : एसिड अटैक मामले में निचली अदालत ने रिम्स निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव, रिम्स के डॉक्टर आरजी बाखला एवं बरियातू थाना प्रभारी अजय कुमार केसरी के खिलाफ संज्ञान लिया है। साथ ही तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए समन जारी किया गया है। अदालत ने कहा कि चिकित्सा करने वाले डॉक्टर, रिम्स निदेशक व बरियातू पुलिस ने कानून की धज्जिया उड़ा दी। पुलिस अधिकारी और डॉक्टर कानून के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया। न्यायिक दंडाधिकारी तारकेश्वर दास की अदालत ने गुरुवार को एसिड अटैक मामले में संज्ञान लेते हुए नामजद छह आरोपितों के साथ उक्त तीनों को भी आरोपित बनाया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि उक्त तीनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विभाग से अभियोजिन स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 अगस्त निर्धारित की है।

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इधर कोर्ट ने मामले के छह आरोपितों बलराम साव, इनर साव, पार्वती देवी, जयराम साव, गायत्री देवी और सुनील ठाकुर के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। इनके खिलाफ धारा 307, 326, 498ए, 326 ए और 120 बी के तहत संज्ञान लिया गया है। अदालत में रिम्स के डॉक्टरों ने इंज्युरी रिपोर्ट भी प्रस्तुत किया। रिपोर्ट में पीड़िता रिंकू देवी के शरीर के जख्म काफी गंभीर बताए गए हैं।

बता दें कि अप्रैल 2018 में रिंकू देवी को उसके पति और ससुराल वालों ने मिलकर गढ़वा के तल्हे नदी के किनारे ले जाकर तेजाब से नहला दिया था। इससे रिंकू देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। उसका चेहरा, सिर और शरीर के कई भाग तेजाब से गल गए हैं। तेजाब डालने के बाद सभी आरोपित उसे मरा समझकर भाग गए। राहगीरों ने उसे गढ़वा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहा से उसे रिम्स रेफर किया गया। कोर्ट ने कहा कि गहरी साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है। अपराध करने का इरादा था। उसे मारपीट कर रातू भेज दिया गया था। इस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी करना जरूरी है क्योंकि यह साधारण अपराध से जुड़ा मामला नहीं है। मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए पीड़िता के उचित इलाज और मुआवजा के लिए डालसा को निर्देश दिया है। पीड़िता की ओर से मामले में अधिवक्ता अमित तिवारी ने पक्ष रखा था। कोर्ट में तीनों को हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।


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