अब मरीज ले सकते है एसी एंबुलेंस एक्सप्रेस की सुविधा, प्लेन या एयर एंबुलेंस का किराया बचेगा
Jharkhand News झारखंड से बड़ी संख्या में कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज बेहतर इलाज के लिए वेल्लोर मुंबई व पुणे जाते हैं। मरीजों की सुविधा देने के उद्देश्य से रेलवे ने हटिया से खुलने वाली तीन ट्रेनों में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई है।
रांची, (प्रिंस श्रीवास्तव)। Jharkhand News : झारखंड से बड़ी संख्या में कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज बेहतर इलाज के लिए वेल्लोर, मुंबई व पुणे जाते हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे होते हैं। जो प्लेन या एयर एंबुलेंस का किराया वहन करने में सक्षम नहीं होते। बीमारी की हालत में ही उन्हें ट्रेन से लंबा सफर तय करना होता है। उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में यात्रा के दौरान वह कई तरह की परेशानियों से भी जूझते हैं।
प्रथम श्रेणी की एंबुलेंस सेवा उपलब्ध
नए साल में रेलवे ने ऐसे मरीजों की सुध लेते हुए उनकी ट्रेन यात्रा को सुखद बनाने की कोशिश की है। मरीजों की सुविधा देने के उद्देश्य से रेलवे ने हटिया से खुलने वाली तीन ट्रेनों में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई है। तीनों ट्रेनों में एंबुलेंस की एक-एक बोगियां जोड़ी गई हैं, जिनमें प्रथम श्रेणी की एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है।
तीनों ट्रेनों में एंबुलेंस सेवा जारी
लंबे समय से मरीजों की यात्रा का सहारा रही हटिया-यशवंतपुर एक्सप्रेस, हटिया-पुणे एक्सप्रेस और हटिया लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में एसी प्रथम श्रेणी की एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गई है। एक पखवारे से तीनों ट्रेनों में एंबुलेंस सेवा जारी है। मरीज इनमें यात्रा कर रहे हैं।
गंभीर मरीजों को यात्रा के दौरान करना पड़ रहा परेशानियों का सामना
रेलवे के संज्ञान में लंबे समय से यह बात लाई जा रही थी कि मुंबई कैंसर अस्पताल और सीएमसी वेल्लोर जाने वाले गंभीर मरीजों को ट्रेन में यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए एंबुलेंस सुविधा की पहल की गई।
कैंसर मरीजों को मिलती है किराये में छूट
कैंसर मरीजों को रेल किराए में 25 प्रतिशत की रियायत मिलती है। जो अन्य गंभीर रोग से पीडि़त मरीज हैं, उन्हें गंभीर बीमारी का प्रमाण देने के बाद रेलवे की ओर से निर्धारित प्रविधान के तहत छूट दी जाती है। आक्सीजन सिलेंडर ले जाने की सूचना भी रेलवे को देनी पड़ती है। आमतौर पर एक मरीज के साथ दो-तीन लोग साथ होते हैं। ऐसी स्थिति में एसी प्रथम श्रेणी के चारों सीटें बुक हो रही हैं।
ये है सुविधाएं
- मरीज के साथ डाक्टर और नर्स आसानी से साथ जा सकते हैं।
- एक केबिन में एक मरीज होने से इंफेक्शन का डर नहीं होता।
- सांस लेने में परेशानी वाले मरीजों को आक्सीजन साथ ले जाने की सुविधा।
प्रत्येक बोगी में 18 सीटें हैं
सीनियर पीआरओ कम डीसीएम देबराज बनर्जी ने कहा कि एसी फस्र्ट क्लास एंबुलेंस लगने के बाद गंभीर मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है। प्रत्येक बोगी में 18 सीटें हैं, जो अलग-अलग केबिन के रूप में हैं।