रांची, जासं। आजादी का अमृत महोत्सव पूरा देश मना रहा है। इस अवसर पर छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् रांची महानगर के द्वारा स्वतंत्रता सेनानी, झारखंड के सपूत वीर बुधू भगत के जीवन परिचय पर एक संगोष्ठी का आयोजन सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित आडिटोरियम में किया गया। देश की आजादी के लिए किस प्रकार बुधू भगत व उनके जैसे असंख्य सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उस पर प्रकाश डालते हुए अभाविप प्रांत संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि आज की पीढ़ी को यह समझने की आवश्यकता है कि देश की आजादी में जितना योगदान नरम दल का रहा है, उतना ही गरम दल का भी रहा है।

हमें महान क्रांतिकारी वीर बुधू भगत के जीवन से सीखने की जरूरत है कि अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। राष्ट्रीय मंत्री विनीता इंदवार ने कहा कि भारतीय इतिहास में जनजातियों को स्थान नहीं दिया गया है। जबकि, जनजातियों का योगदान अतुल्य रहा है। हमारा उद्देश्य समाज में जनजातियों की वास्तविक पहचान को फिर से स्थापित करना है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन ने शहीद वीर बुधु भगत की जीवनगाथा का बखान किया। किस प्रकार कम आयु में देश के लिए वीर बुधु ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उस पर अपना संबोधन दिया एवं पूरे झारखंड के जनजाति महानायकों की एक संक्षिप्‍त जानकारी दी।

रांची पीजी डिपार्टमेंट के प्राध्यापक एवं इतिहासकार डा. राजकुमार ने शहीद वीर बुधु भगत का भारतीय इतिहास और वास्तविक पहचान के बीच का अंतर समझाते हुए युवा पीढ़ी को आगे आते हुए समाज के लिए सदा तत्पर रहने के बारे में बताया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अजिताभ कुमार, अनिकेत, प्रेम प्रतीक, रोहित दुबे, विशाल सिंह, आकांक्षा वर्मा, रोमा तिर्की, आदित्य सिंह, अमित मीरा, सौमिक सिंह आदि कार्यकर्ता के साथ अन्य छात्र उपस्थित रहे।

Edited By: Sujeet Kumar Suman