आदिवासियों की अलग पहचान के लिए जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड हो : गीताश्री
रांची अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व शिक्षा मंत्र
जागरण संवाददाता, रांची : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उराव की अध्यक्षता में केंद्रीय सरना समिति के उप कार्यालय अरगोड़ा में कार्यक्रम हुआ। इसमें अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद हेहेल, राची, झारखंड की उप समिति केंद्रीय सरना समिति का 50 वीं वर्षगाठ मनाई गई। सर्वप्रथम समिति के पदाधिकारियों ने सामूहिक प्रार्थना कर बाबा कार्तिक उराव के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस दौरान माधो कच्छप ने बताया कि बाबा कार्तिक उराव ने 12 मार्च 1970 में केंद्रीय सरना समिति का गठन किया था। इनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा, संस्कृति तथा सामाजिक विकास रखा गया। इसमें सरना समाज के भविष्य का सपना बाबा कार्तिक उराव ने देखा था लेकिन यह पहचान आदिवासियों को नहीं मिल सका है।
परिषद की प्रदेश अध्यक्ष गीताश्री उराव ने बाबा कार्तिक उराव की जीवनी पर प्रकाश डाला। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आदिवासी सरना समाज अपने धर्म संस्कृति और परंपरा को आधुनिकता की होड़ में ना डुबोए। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि 2021 की जनगणना में आदिवासी सरना समाज अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराएं। उन्होंने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से माग की कि आदिवासियों की अलग पहचान के लिए जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड जरूर अंकित करें।
केंद्रीय सरना समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नारायण उराव ने कहा कि मुझे 212 गावों के लोगों ने विश्वास दिखा कर जो सम्मान दिया है मैं उसे पूरे तन मन धन से निभाऊंगा। आदिवासी समाज की जो भी समस्या होगी मैं उसे सामाजिक और प्रशासनिक तौर पर सुलझाने का पूरा प्रयास करूंगा और अपनी धर्म संस्कृति को भी बचाऊंगा।
बैठक में सरहुल पर्व की तैयारी जोर शोर से करने की बात की गई। सर्वसहमति से समिति ने तय किया कि 13 मार्च से हर गाव ,टोला का भ्रमण किया जाएगा। भ्रमण के दौरान सरहुल महापर्व की तैयारी के साथ साथ ग्रामीणों की समस्या पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस मौके पर बताया गया कि केंद्रीय सरना समिति के नए पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह 17 मार्च को होगा। इस बैठक में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष नारायण उराव, महासचिव अजीत भुटकुमार, कोषाध्यक्ष संदीप तिर्की, रवि तिग्गा, कुंद्रसी मुण्डा, संजय कुजूर, चंपा कुजूर , नन्हे कच्छप, चिंता मुंडा, अनिल कच्छप, तानसेन गाड़ी,सुनिता मुंडा ,सोनू खालखो , विद्यासागर केरकेट्टा, कमल किशोर लकड़ा, राकेश पहान ,बंधन टोप्पो एवं कई सामाजिक अगुवा उपस्थित रहे।