दुर्घटना में खोया दायां हाथ, अब व्यवस्था का जुल्मो-सितम; युवती ने की जान देने की कोशिश
Jharkhand. रांची में एक दुर्घटना में ट्रक ने उसकी स्कूटी को टक्कर मारी थी। इसमें वह अपना दायां हाथ गंवा बैठी थी। बुलाने पर नर्स आती नहीं जूनियर डॉक्टर निभा जाते औपचारिकता।
रांची, [अमन मिश्रा]। एक तो दुर्घटना में दायां हाथ खो जाने का गम, ऊपर से असहनीय दर्द। राज्य के सबसे बड़े चिकित्सकीय संस्थान रिम्स में भर्ती होने के दो दिनों बाद डॉक्टरों ऑपरेशन तो कर दिया तो बेइंतहा दर्द से राहत नहीं मिली। नर्स को बुलाओ तो समय पर आती नहीं, फिर समय पर दवा और इंजेक्शन कौन दे? अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार ऐसा जो एक नई पीड़ा दे जाती।
जूनियर डॉक्टर आते तो बस औपचारिकता निभा जाते। पीड़ा इस बात की भी कि जिस डॉक्टर के अधीन इलाजरत हूं, उनके कभी दर्शन तक नहीं हुए। जब दर्द सहने की और क्षमता नहीं रही तो आत्महत्या की इकलौती राह सूझी। यह कहानी है रिम्स के ऑर्थो वार्ड में भर्ती दीपिका की, जिसने तड़प-तड़प कर जीने से मर जाना बेहतर समझा। वह इस नीयत से बेड से उठकर चल भी दी।
संयोग अच्छा था कि उसकी मंशा भाप चुके उसके परिजनों ने उसे संभाला और बीच रास्ते से उसे पकड़कर लाए। बताते चलें कि दो फरवरी को रातू रोड स्थित कब्रिस्तान के समीप देर रात एक ट्रक ने स्कूटी से गुजर रही दीपिका को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में दीपिका अपना हाथ गंवा बैठी। तब से वह रिम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग में डॉ. एलबी मांझी की देखरेख में भर्ती है।
नहीं हैं माता-पिता, खुद कमाने और खाने की है मजबूरी
दीपिका के माता-पिता नहीं हैं। वह रांची में अकेली किराये के मकान में रहती है। खुद काम कर वह अपना खर्च निकालती है। आर्थिक रूप से कमजोर दीपिका की मदद के लिए डालसा आगे आया है। डालसा ने इलाज में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। बुधवार को डालसा सचिव अभिषेक कुमार युवती से मिलने रिम्स पहुंचे। जहां युवती ने इलाज में लापरवाही की शिकायत की। इसके बाद डालसा सचिव ने इस मसले पर चिकित्सकों से बात की।
इलाज में लापरवाही के आरोपों को किया खारिज
दुर्घटना में घायल लड़की के आरोपों को डॉ. एलबी मांझी ने सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि कोई भी दिन ऐसा नहीं, जिस दिन मरीज को नहीं देखा। संबंधित लड़की का हाल जानने भी हर दिन गया। वह घाव को हाथ लगाने तक नहीं देती। हालांकि लड़की का इलाज ठीक से हो रहा है। हम लड़की के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।