रामेश्वर उरांव ने कहा, अलग सरना कोड का प्रस्ताव भेजेंगे केंद्र
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी। वे विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर रविवार को कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में जनजातीय समुदाय का भी बड़ा योगदान रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले संताल विद्रोह, हूल विद्रोह समेत अन्य आंदोलनों और बाद में टाना भगत समुदाय के लोगों ने अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया। यही कारण है कि आजादी के बाद जब देश का संविधान बना तो आदिवासी समाज के हित और अधिकार की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए। कांग्रेस सरकार ने सीएनटी-एसपीटी कानून को मजबूत करने का काम किया ताकि आदिवासियों की जमीन की रक्षा हो सके। इसके विपरीत भाजपा सरकार ने जल, जंगल और जमीन को छीनने की कोशिश की। 2013 में जमीन की रक्षा को लेकर बनाए गए कानून में छेड़छाड़ की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि पार्टी प्रभारी आरपीएन सिंह की पहल पर वर्ष 2018 में कांग्रेस भवन में आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत की गई। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत 35 वर्ष पहले शुरू हुई। इससे पहले नौ अगस्त को देश में अगस्त क्रांति दिवस मनाया जाता था। यूएनओ ने इसी दिन को विश्व आदिवासी दिवस के लिए चुना, इससे एक बड़ा संदेश जाता है।
इस मौके पर सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिदो-कान्हू चांद-भैरव, नीलाम्बर-पीताम्बर और शहीद वीर बुधु भगत समेत अन्य के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। स्वागत भाषण प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि सुखेर भगत ने दिया। विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल, सांसद धीरज प्रसाद साहू, पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय समेत अन्य कार्यक्रम में मौजूद रहे।