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Ranchi में कूड़े का अंबार, वेतन न मिलने से 800 सफाईकर्मी हड़ताल पर

Ranchi शहर की सफाई व्यवस्था पर लगा ग्रहण समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले से प्रभावित व्यवस्था बुधवार को पूरी तरह ठप हो गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 08:03 PM (IST)
Ranchi में कूड़े का अंबार, वेतन न मिलने से 800 सफाईकर्मी हड़ताल पर
Ranchi में कूड़े का अंबार, वेतन न मिलने से 800 सफाईकर्मी हड़ताल पर

रांची, जासं। शहर की सफाई व्यवस्था पर लगा ग्रहण समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले से प्रभावित व्यवस्था बुधवार को पूरी  तरह ठप हो गई। वेतन नहीं मिलने से रांची के सभी छह एमटीएस के 800 कर्मी एक साथ हड़ताल पर चले गए। ईद के दिन भी शहर के किसी भी क्षेत्र से कचरे का उठाव नहीं हुआ। बता दें कि वेतन की समस्या को लेकर पहले भी सफाई कर्मी हड़ताल पर जाते रहे हैं।

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करीब एक महीने से शहर में कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। हड़ताल में एमटीएस इंचार्ज, सुपरवाइजर, ड्राइवर, हेल्पर और रेजा मजदूर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। एस्सेल इंफ्रा कंपनी ने वेतन देने का केवल आश्वासन दिया है।

निगम करेेगा कर्मियों के वेतन का भुगतान

स्वास्थ्य अफसर किरण कुमारी ने बताया कि यदि कंपनी कर्मियों को पैसे देने में सक्षम नहीं है तो कर्मियों का वेतन भुगतान भी निगम ही करेगा। उन्होंने बताया कि जैसे डीजल के लिए निगम पैसा दे रहा है, वैसे ही कर्मियों का वेतन भुगतान निगम ही करेगा। वेतन की राशि कंपनी के फंड से काट ली जाएगी। एमटीएस में कर्मियों की अलग उपस्थिति दर्ज होगी।

कहीं तीन दिन तो कहीं चार दिन से नहीं हुआ है कचरे का उठाव

वर्तमान में शहर की सफाई व्यवस्था ऐसी है कि चार दिनों से सड़क के किनारे कूड़ा पड़ा हुआ है। कहीं चार दिन तो कहीं पांच दिनों से कोई सफाई नहीं हुई है। वार्ड पार्षद निगम के वाट्सएप ग्रुप में लगातार शिकायत के साथ तस्वीरें भेज रहे हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कूड़े से दुर्गंध के कारण लोगों का सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है।

एस्सेल इंफ्रा कंपनी को हटाने में सक्षम है नगर निगम

रांची में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने वाली कंपनी एस्सेल इंफ्रा को हटाने की कवायद तेज हो सकती है। मार्च महीने में हुई बैठक में मेयर आशा लकड़ा ने कंपनी को हटाने की मंजूरी दी थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि इसके पहले नगर विकास विभाग की अनुमति लेनी होगी। निगम द्वारा 13 मई को इससे संबंधित पत्र नगर विकास विभाग को भेजा गया था।

जवाब में नगर विकास विभाग ने निगम को पत्र लिख कर कहा है कि चूंकि यह करार निगम और कंपनी के बीच में हुआ था, इसलिए नगर निगम कंपनी को टर्मिनेट करने में पूरी तरह सक्षम है। हालांकि इसके पूर्व नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था करे, ताकि कंपनी को हटाए जाने के क्रम में सफाई प्रभावित नहीं हो। विभाग की ओर से यह भी निर्देश दिया गया है कि शहरी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अभी तक के कार्यों और आगे की प्लानिंग का आकलन कर डीपीआर बनाया जाए।

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