कार्रवाई से परेशान 8 सीनियर डॉक्टर छोड़ेंगे रिम्स, जूनियर डॉक्टरों में हड़कंप Ranchi News
Jharkhand. सीनियर डॉक्टरों के सपोर्ट में उतरेगा जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन। सीएम से मुलाकात कर बीच का रास्ता निकालेगा।
रांची, जासं। रिम्स के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को लेकर हाई कोर्ट की सख्ती के बाद विजलेंस टीम ने कुछ डॉक्टरों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर कार्रवाई की अनुसंशा की है। उन डॉक्टरों से रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने स्पष्टीकरण की मांग की है। रिम्स के मेडिसीन के एचओडी डॉ. जेके मित्रा, न्यूरोसर्जरी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार, कार्डियोलॉजी के डॉ. प्रकाश कुमार पर रिम्स प्रबंधन कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसके लिए हाई कोर्ट से स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बनाने के बाद अब विभाग रिम्स प्रबंधन पर दबाव बना रहा है।
इसी कार्रवाई के रोष से रिम्स में हर दिन एक-दो डॉक्टर रिम्स छोडऩे लिए आवेदन दे रहे है। रिम्स छोडऩे वाले डॉक्टरों की सूची में आठ डॉक्टर्स शामिल हो चुके है। तीन डॉक्टर कुछ समय पहले ही वीआरएस दे चुके हें। वहीं अब एक सप्ताह के भीतर और पांच डॉक्टर्स ने आवेदन दिया है। इससे रिम्स प्रबंधन के साथ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन को भी काफी नुकसान होने वाला है। रिम्स से सीनियर डॉक्टर के जाने से संस्थान में पीजी सीटों पर नुकसान होगा। सीटों में कमी आएगी। स्टूडेंट्स को पढऩे के लिए अनुभवी सीनियर डॉक्टर का साथ छूट जाएगा।
आवेश में आकर नहीं ले जल्दबाजी में फैसला, स्टूडेंट्स को होगा नुकसान
रिम्स के सीनियर डॉक्टरों को छोडऩे से सबसे ज्यादा परेशानी जूनियर डॉक्टरों को होगी। इस मामले में जेडीए स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन की कार्रवाई को लेकर सीनियर डॉक्टरों को सपोर्ट करेगा। जेडीए के डॉ. अजित ने कहा कि रिम्स के अनुभवी चिकित्सक अगर अस्पताल छोड़ देंगे तो इससे शैक्षणिक माहौल पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
रिम्स में वर्तमान में जीतनी भी पीजी सीटें है वह भी घट जाएंगी और रिम्स आने वाले मरीजों को भी उचित चिकित्सा सेवा नहीं ले सकेंगे। जेडीए की ओर से डॉ. अजीत ने सभी डॉक्टर से अपील की है कि आवेश में आकर जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। अभी नई सरकार बनी है, कुछ दिन देखने के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस मामले में डॉक्टरों के सपोर्ट में जेडीए भी सीएम से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेगा।
कार्रवाई में घेरे में आ सकते हैं छह और डॉक्टर
इधर, स्पेशल विजलेंस कमेटी द्वारा कार्रवाई के लिए सौंपी गई सूची में रिम्स के और छह डॉक्टर शामिल हैं। टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में उक्त छह डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही है। टीम ने सबूत के तौर पर वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी संलग्न की है। रिम्स के कई डॉक्टर अब भी चोरी चुपके प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, नेत्र रोग, सर्जरी व ऑर्थोपेडिक के डॉक्टर निरामया अस्पताल, बरियातू के हेल्थ प्वाइंट में सर्जरी के डॉक्टर, सैमफोर्ड में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर, टाटीसिलवे के एक पॉली मेडिकल में चर्म व दांत रोग के डॉक्टर मरीजों को देखने के साथ ऑपरेट भी करते हैं।