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कोरोना पॉजिटिव महिला के सीधे संपर्क में आए थे 8 लोग, जूनियर डॉक्टर भी जांच के दायरे में

Jharkhand. दो दिन पहले सिकिदरी घाटी में महाराष्ट्र से मजदूरों को लेकर लौट रही बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस हादसे में महिला ने अपनी हाथ गंवाई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 08:44 AM (IST)
कोरोना पॉजिटिव महिला के सीधे संपर्क में आए थे 8 लोग, जूनियर डॉक्टर भी जांच के दायरे में
कोरोना पॉजिटिव महिला के सीधे संपर्क में आए थे 8 लोग, जूनियर डॉक्टर भी जांच के दायरे में

रांची, जासं। सड़क दुर्घटना में दो दिन पहले अपनी हाथ गंवाने वाली महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद केस हिस्ट्री की पड़ताल की गई है। बताया जा रहा है कि आठ लोग महिला के सीधे संपर्क में आए थे। इन सभी की सूची तैयार कर जांच की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला को जब इमरजेंसी के माइनर ओटी में भर्ती किया गया, तब उसके संपर्क में एक जूनियर डॉक्टर था, जो बगैर पीपीई किट उसकी ड्रेसिंग कर रहा था। उक्त जूनियर डॉक्टर उसके सीधे संपर्क में था। कुछ चिकित्सकों ने उसे मना भी किया था लेकिन वह देर तक बगैर किट ही ड्रेसिंग करने में लगा था। अब रिम्स प्रबंधन उक्त जूनियर डॉक्टर की पहचान कर उसके सैंपल की जांच करेगा।

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कुछ ऐसा है मामला

बीते सोमवार को सिकिदरी घाटी में हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 20 मरीजों को रिम्स में भर्ती किया गया था। बस पलटने के बाद उसमें फंसने से एक 25 वर्षीय महिला की दाईं हाथ बुरी तरह दबने से कंधे से नीचे बुरी तरह उखड़ गई थी। रिम्स में भर्ती कराने के बाद सर्जरी, ऑर्थो, प्लास्टिक सर्जरी और सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने उसे जोड़ने का भी प्रयास किया लेकिन टूटा हुआ हाथ इतनी बुरी तरह कुचल चुका था कि उसे जोड़ पाना संभव नहीं था।

उसके हाथ से करीब 8 से 10 सेमी मांस और हड्डी भी टूट चुकी थी। इतना कष्ट के साथ उसे रिम्स लाया गया, जहां प्रवासी होने के नाते कोरोना की जांच की गई और वह संक्रमित निकली। उसकी सर्जरी कर कोविड वार्ड में सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की देखरेख में शिफ्ट किया गया है। यहां उसका कोरोना और हाथ का भी इलाज बेहतर ढंग से किया जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार उसकी स्थिति पहले से बेहतर है। हाथ के अलावा शरीर के दूसरे हिस्से में ज्यादा चोटें नहीं हैं।

चिकित्सकों को संक्रमण का खतरा नहीं, इमरजेंसी और माइनर ओटी भी हो चुका सैनिटाइज

रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि महिला के पॉजिटिव आने से रिम्स के इमरजेंसी और दूसरे विभागों या डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारियों में संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। मरीज रिम्स पहुंचने से लेकर रिम्स में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पूरी तरह से सुरक्षा बरती है। जितने भी डॉक्टर और नर्स उसके संपर्क में आए हैं, वे सभी पीपीई किट पहने हुए थे। इसके अलावा वार्ड शिफ्टिंग के बाद भी इमरजेंसी को अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया है।


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