फर्जी दस्तावेज से पंजाब नेशनल बैंक को लगाया 8 करोड़ का चूना Ranchi News
Jharkhand. पंजाब नेशनल बैंक से साजिश के तहत गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर ऋण लेकर आठ करोड़ 11 लाख 86 हजार रुपये का चूना लगाया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। पंजाब नेशनल बैंक से साजिश के तहत गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर ऋण लेकर आठ करोड़, 11 लाख, 86 हजार रुपये का चूना लगाया गया है। इस मामले में पीएनबी के पटना स्थित बोरिंग केनाल रोड की एसएमई शाखा के मुख्य प्रबंधक बैरागी कंहार ने सीबीआइ की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने चार नामजद आरोपितों व अन्य अज्ञात को इसके लिए दोषी बनाया है और सीबीआइ से उचित कार्रवाई की मांग की है।
जालसाजी का यह मामला वर्ष 2012 से 2018 के बीच का है। इस प्राथमिकी का अनुसंधान सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा के डीएसपी कृष्णा कुमार सिंह करेंगे। बैरागी ने सीबीआइ को बताया कि सबसे पहले आरोपितों ने टर्म लोन व कैश क्रेडिट के नाम पर तीन करोड़ 88 लाख 69 हजार रुपये स्वीकृत कराया। तर्क दिया कि उनकी कैमूर के भभुआ में राइस मिल है। इसके लिए उन्हें ऋण चाहिए।
इसके बाद आरोपितों ने पुन: बैंक में अचल संपत्ति के नाम पर 55 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करा लिया। इसके लिए आरोपितों ने पटना के खजपुरा स्थित रविशंकर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 303 को बंधक रखा। इसके बाद आरोपितों ने फिर 3.10 करोड़ रुपये का टर्म लोन ले लिया। आगे चलकर सभी ऋण एनपीए हो गया।
ये बनाए गए हैं नामजद आरोपित
- मेसर्स ओम आस्था इंडो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, 301, मजेस्टिक विष्णु अपार्टमेंट, नार्थ कृष्णापुरी, पटना।
- शैलेश प्रताप उर्फ शैलेश प्रताप सिंह, निदेशक, पिता सीताराम लाल, फ्लैट नंबर 303, रविशंकर अपार्टमेंट, खजपुरा, बेली रोड, पटना।
- सुधा प्रताप, निदेशक, पुत्री राजेश्वर लाल सह पत्नी शैलेश प्रताप सिंह, फ्लैट नंबर 303, रविशंकर अपार्टमेंट, खजपुरा, बेली रोड, पटना।
- विश्वंभर सिंह, निदेशक पिता जगदेव सिंह, जयप्रकाश नगर, आशियाना नगर, पटना।
- अन्य अज्ञात।
पटना के जिस फ्लैट को पीएनबी में बंधक रखा, वह केनरा बैंक में भी बंधक
बैरागी कंहार ने सीबीआइ को बताया कि पीएनबी ने खाता एनपीए होने पर बंधक रखे गए फ्लैट को कब्जा करने संबंधित नोटिस अखबारों में छपवाया तो केनरा बैंक ने पीएनबी को सूचना दी कि उक्त फ्लैट केनरा बैंक में बंधक है। तब यह स्पष्ट हो गया कि सभी आरोपितों ने जान-बूझकर गलत उद्देश्य से दो-दो बैंकों को धोखा दिया।