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6th JPSC MAINS: वर्ष 2014 से ही चल रही छठी जेपीएससी परीक्षा प्रक्रिया, जानें अब आगे क्‍या होगा

6th JPSC MAINS झारखंड में 19 साल में महज पांच सिविल सेवा परीक्षा ली जा सकी है। जबकि छठी जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम तीन-तीन बार जारी हुआ।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 08:57 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 08:57 AM (IST)
6th JPSC MAINS: वर्ष 2014 से ही चल रही छठी जेपीएससी परीक्षा प्रक्रिया, जानें अब आगे क्‍या होगा
6th JPSC MAINS: वर्ष 2014 से ही चल रही छठी जेपीएससी परीक्षा प्रक्रिया, जानें अब आगे क्‍या होगा

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2014 से ही चल रही है। हमेशा विवादों में रही इस परीक्षा की प्रक्रिया पांच वर्ष में भी पूरी नहीं हो सकी है। राज्य सरकार द्वारा परीक्षा प्रक्रिया में बार-बार संशोधन करने का भी असर इस परीक्षा पर पड़ा है। छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2014 में ही शुरू की गई थी, लेकिन विवाद होने के कारण राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करते हुए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू कर दी।

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जब प्रारंभिक परीक्षा हो गई तो इसके परिणाम को लेकर विवाद उत्पन्न होते रहे। स्थिति यह हो गई कि एक बार जहां मुख्य परीक्षा अंतिम समय में टल गई, वहीं प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम तीन-तीन बार जारी करना पड़ा। प्रारंभिक परीक्षा का सबसे पहले परिणाम 23 फरवरी 2017 को जारी किया गया। इसमें 5,138 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे।

इसमें विवाद होने तथा हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार द्वारा प्रक्रिया में कुछ सुधार के बाद इसे रद करते हुए 11 अगस्त 2017 को इसका संशोधित परिणाम जारी किया गया। इसमें 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसके लगभग एक साल बाद राज्य सरकार के आदेश पर इसका फिर से संशोधित परिणाम 6 अगस्त 2018 को जारी हुआ। तीसरी बार जारी परिणाम में 34,634 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए जो मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे। बता दें कि राज्य में अभी तक महज पांच सिविल सेवा परीक्षा ही पूरी हो सकी है।

सरकार ने निर्धारित कर दिया न्यूनतम अंक 

तीसरी बार जारी होनेवाले परिणाम के लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम अंक निर्धारित कर दिया था। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग 36.5, अति पिछड़ा वर्ग 34 प्रतिशत और एससी, एसटी व महिलाओं के लिए 32 प्रतिशत अंक प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने का आधार बना। दूसरी तरफ, पहली बार जारी परिणाम में प्रत्येक श्रेणी में कुल पदों के विरुद्ध 15 गुना परिणाम जारी किया गया था।

कब क्या हुआ?

  1. 18 दिसंबर 2016 : प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन
  2. 23 फरवरी 2017 : प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी
  3. 11 अगस्त 2017 : प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी
  4. 6 अगस्त 2018 : प्रारंभिक परीक्षा का तीसरी बार परिणाम जारी
  5. 28 जनवरी-1 फरवरी 2019 : मुख्य परीक्षा का आयोजन। 

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