झारखंड में मरीजों की जिंदगी से खेल रहे 550 झोलाछाप डॉक्टर
आइएमए ने सरकार से झोलाछाप डॉक्टरों की डिग्री और उनके सर्टिफिकेट की जांच करने की मांग की।
रांची, शक्ति सिंह। झारखंड राज्य में 550 झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी के खिलवाड़ कर रहे हैं। यह मामला आइएमए के सर्वे रिपोर्ट में आया है। यही रांची जिला में इनकी संख्या 120 के करीब है, जिनकी सूची आइएमए ने राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या सर्वाधिक है। हालांकि, आइएमए ने आशंका जताई है कि अगर सरकार अपने स्तर पर इसकी जांच कराए तो झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या और बढ़ोतरी हो सकता।
इस मामले में सरकार ने संबंधित पदाधिकारियों को आदेश भी निर्गत किया है। इसके बावजूद इसे अभियान के तौर पर नहीं चलाया गया। गिनेचुने जिलों में अभियान को चलाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हजारीबाग, गिरीडीह, चास और धनबाद में सरकार ने कुछ कमेटी गठित करा अभियान भी चलाया था। इस दौरान कुछ झोलाछाप डॉक्टरों को पकड़ा भी गया था और उनकी दुकानदारी भी बंद की गई थी।
आइएमए ने सरकार से मांग की है। ऐसे लोगों की पहचान कर उनके डिग्री और सर्टिफिकेट की जांच करनी चाहिए, ताकि उनकी दुकानदारी को बंद किया जा सके। झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के कारण कई मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ चुकी है।
आइएमए का कहना है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई करे। उपायुक्त और सिविल सर्जन के नेतृत्व में अभियान चलाना। पर ऐसे देखने को नहीं मिल रहा है।
'आइएमए ने सभी जिला इकाईयों की मदद से एक सर्वे कर झोलाछाप डॉक्टरों की सूची तैयार की है, जिसे सरकार को मुहैया कराई है। इसके बावजूद मामले में बड़े स्तर पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यही कारण है कि कई लोग फर्जी डिग्री के आधार पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। '
-डॉ. प्रदीप कुमार सिंह सचिव, झारखंड शाखा, आइएमए