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CM हेमंत सोरेन काे सामूहिक इस्‍तीफा सौंपेंगे 5 हजार मनरेगा कर्मी, साथियों की सेवा वापसी तक डटे रहेंगे हड़ताल पर

Jharkhand Latest News कर्मचारी मनरेगा संघ ने कहा कि विभागीय अधिकारी बदले की कार्रवाई कर रहे हैं। कर्मचारी संघ के सदस्यों की ऑलनाइन बैठक में यह सहमति बनी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 03:51 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 03:51 PM (IST)
CM हेमंत सोरेन काे सामूहिक इस्‍तीफा सौंपेंगे 5 हजार मनरेगा कर्मी, साथियों की सेवा वापसी तक डटे रहेंगे हड़ताल पर
CM हेमंत सोरेन काे सामूहिक इस्‍तीफा सौंपेंगे 5 हजार मनरेगा कर्मी, साथियों की सेवा वापसी तक डटे रहेंगे हड़ताल पर

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय एवं धनबाद के जिला अध्यक्ष मुकेश राम की बर्खास्तगी से आक्रोशित मनरेगा कर्मचारियों ने हड़ताल पर डटे रहने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं कर्मचारी संघ की ओर से यह भी घोषणा की गई है कि यदि बर्खास्त साथियों की सेवा वापस नहीं होती तो राज्य भर के पांच हजार मनरेगा कर्मी मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। कर्मचारी संघ के सदस्यों की मंगलवार को ऑलनाइन बैठक में यह सहमति बनी। संघ की ओर से कहा गया कि 10 अगस्त को ग्रामीण विकास मंत्री के साथ सकारात्मक वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई थी तथा राज्य भर के मनरेगा कर्मियों ने हड़ताल को स्थगित करते हुए काम पर लौटने का मन बना लिया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों के आदेश पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं धनबाद के जिला अध्यक्ष को बदले की भावना से ग्रसित होकर, आंदोलन को कुचलने तथा हड़ताली मनरेगा कर्मियों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से, झूठा गबन का आरोप लगाकर बर्खास्तगी का आदेश निर्गत कर दिया गया। जिसके कारण मंगलवार को जूम एप के माध्यम से बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक बर्खास्त साथियों की सेवा वापसी नहीं होती है, तब तक राज्य भर के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे तथा आंदोलन को उग्र करते हुए मुख्यमंत्री को सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे। संघ के अनुसार मंत्री द्वारा वार्ता में यह भी आश्वासन दिया गया था कि हड़ताल के दौरान जितनी भी कार्रवाई हुई है उसे वापस लिया जाएगा, ङ्क्षकतु अधिकारियों ने मंत्री की बातों को हल्के में लेते हुए अनसुना कर दिया और प्रदेश अध्यक्ष की बर्खास्तगी का पत्र निरस्त नहीं किया। इसलिए अब इनकी बातों पर भरोसा करने का कोई प्रश्न नहीं है। जब तक लिखित रूप से वार्ता नहीं हो जाती तब तक राज्य भर के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे।

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