रिम्स में पांच लाख रुपये के सामान की चोरी, निदेशक ने सुरक्षा एजेंसी की राशि रोकी
रांची जासं पांच लाख रुपये के सामान चोरी के मामले में रिम्स प्रबंधन ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं रिम्स प्रबंधन ने सुरक्षा एजेंसी की राशि रोक दी है।
जागरण संवाददाता रांची : पांच लाख रुपये के सामान की चोरी मामले में रिम्स प्रबंधन ने जांच के आदेश दिए हैं। गुरुवार को पांच लाख रुपये के सामान की चोरी का मामला संज्ञान में आया था। बीते कई दिनों से इस बात की चर्चा थी, लेकिन इस बाबत लिखित जानकारी प्रबंधन को नहीं मिली थी। अब मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण करने वाली कंपनी ने रिम्स प्रबंधन को लिखित रूप से इसकी जानकारी दी है। इसके बाद निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। कंपनी की लिखित शिकायत के बाद रिम्स अधीक्षक ने वहां तैनात सुरक्षा एजेंसी की राशि रोक दी है। निर्माण कंपनी ने शिकायत में केवल राशि का जिक्र किया है। किस तरह की सामान चोरी हुई है, इसकी जानकारी नहीं दी है।
दो साल से गाड़ियों का इंतजार कर रहा मल्टी स्टोरी पार्किंग
रिम्स में चार तल्ले की मल्टी स्टोरी पार्किंग को बने दो साल हो चुके हैं। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2017 में किया था। तब से लेकर अबतक यह पार्किंग गाड़ियों के आने का इंतजार ही कर रहा है। यहां एक गार्ड को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। रिम्स के इस मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण 16.56 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस मल्टी स्टोरी पार्किंग में लगभग 300 चार पहिया व 200 दो पहिया वाहन लगाने की क्षमता है। इसके बावजूद करोड़ों रुपये का एस्सेट अब डेड एस्सेट बन कर रह गया है।
लोग कतराते हैं पार्किंग में गाड़ी लगाने से : इस मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण रिम्स के चिकित्सकों व कर्मचारियों के वाहन लगाने के लिए किया गया है, लेकिन यहां गाड़ी लगाने से चिकित्सक व कर्मचारी दोनों ही कतराते हैं। वे या तो इमरजेंसी के सामने अपनी गाड़ी पार्क करते हैं या फिर ओपीडी के सामने लगाते हैं। अक्सर रिम्स के आने-जाने वाले रास्ते पर बेतरतीब पार्किंग की वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कुछ दिनों पूर्व निजी एंबुलेंस चालकों ने पार्किंग को लेकर हड़ताल किया था। इसके बाद रिम्स प्रबंधन ने उन्हें रिम्स परिसर में पार्किंग उपलब्ध कराया था। निदेशक ने इसके बाद सभी चिकित्सकों व कर्मचारियों को मल्टी स्टोरी पार्किंग में गाड़ी लगाने को कहा था। पर उनके आदेश पर भी अमल नहीं किया गया। अब आलम यह है कि चिकित्सकों, कर्मचारियों के साथ-साथ निजी एंबुलेंस चालक भी रिम्स परिसर में ही गाड़ी पार्क करते हैं।